नवादा : जिला प्रशासन को आम लोगों के दुख दर्द से कोई मतलब नहीं रह गया है। तभी तो आम लोगों की फरियाद चाहे मनरेगा में घोटाला हो, जनवितरण से सड़े खाद्यान्न का वितरण हो या फिर पुलिसकर्मियों का दमन हो या समेकित जांच केन्द्र पर राजस्व की खुली लूट हो कोई सुनने वाला नहीं है। ऐसे में जनता त्राहि त्राहि कर रही है।
फिर जिले के पकरीबरावां का तो कहना ही क्या? यहां तो राम राज्य है। तभी तो मेघीपुर गांव में रोहुआ आहर का बांध काट लिये जाने कई घरों में पानी भर गया। ग्रामीण प्रशासन से बचाव की गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने संज्ञान तक नहीं लिया। लेते भी कैसे? वहां तो राम राज्य है? परेशान ग्रामीण सड़क पर उतरने को विवश हो गये। इसके अलावा उनके पास कोई चारा भी नहीं था सो पकरीबरावां- नवादा पथ को जाम कर दिया। जाम से दूर सफर करने वाले तथा देवघर आने जाने वाले बिलबिलाते रहे लेकिन उनकी सुनता कौन?
फिर प्रशासन की तंद्रा भंग हुई मानों शंकर भगवान का तीसरा नेत्र खुला हो? दिखाया अपना तेवर, लेकिन ग्रामीण भी भला कहां मानने वाले थे सो बाद में मान मनौव्वल व स्थायी हल निकालने के आश्वासन के घंटों बाद जाम को वापस लिया। बावजूद इतना तय है कि चिंगारी कभी भी शोले का रुप धारण कर सकती है अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तब।
भईया जी की रिपोर्ट