नवादा : आकांक्षी जिला नवादा प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का केंद्र बनेगा। ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट कंपनी लिमिटेड और सन पेट्रोकेमिकल प्राइवेट लिमिटेड कम्पनियां जिले में 13,000 करोड़ की लागत से 2.12 गीगावाट पंप स्टोरेज पावर (PSP) प्रोजेक्ट लगाएगी। इसमें करीब आठ हजार लोगों को काम मिलेगा। झारखंड से निकलनेवाली धनार्जय और सकरी नदियों पर एकंबा और गोसाईं बिगहा नामक स्थलों पर इन दोनों परियोजनाओं का निर्माण होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव के समक्ष इन कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने बिहार पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। बिहार सरकार ने हाल में ही बिहार पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट प्रमोशन पालिसी, 2025 बनाई है। इस नीति निर्माण के पांच महीने में ही ऊर्जा विभाग ने दो कंपनियों के साथ समझौता कर महत्वाकांक्षी परियोजना को धरातल पर उतारने की ओर कदम बढ़ाया है।
पहाड़ियों की गोद में बनेगा जलाशय
बिहार-झारखंड की सीमा से लगने वाले जिले के पहाड़ी इलाके में यह प्रोजेक्ट लगाया जा रहा है। पहाड़ियों की गोद में जलाशय बनाए जाएंगे। इन जलाशयों में झारखंड से निकलने वाली धनार्जय और सकरी नदियों के पानी को बरसात (मानसून) में जमा किया जाएगा। फिर पहाड़ियों पर बने जलाशयों के प्राकृतिक ऊंचाई में रहे अंतर का उपयोग करते हुए पंप स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट संचालित होगा और विद्युतशक्ति का उत्पादन किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट आफ स्ट्रीम एंड क्लोज्ड लूप सिस्टम पर आधारित होगा।
तीन वर्षों में 14.2 गीगावाट विद्युतशक्ति उत्पादन का लक्ष्य
ग्रीनको एनर्जी एकम्बा में 7,800 करोड़ रुपये और सन पेट्रोकेमिकल गोसाईं बिगहा में 5,200 करोड़ रुपये के निवेश से प्रोजेक्ट लगाएगी। एकम्बा में 7,308 मेगावाट और गोसाईं बिगहा में 6,973 मेगावाट का प्रोजेक्ट साइज तैयार की है। दोनों की कुल क्षमता 14.281 गीगावाट विद्युतशक्ति का उत्पादन होगा। फिलहाल, शुरुआती तीन वर्ष में 2.12 गीगावाट पीएसपी उत्पादन का लक्ष्य है।
क्या है पंप स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट
पंप स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट विद्युत शक्ति उत्पादन की नई तकनीक है, जिसमें दो अलग-अलग ऊंचाई ओर बने जलाशयों में जमा पानी का उपयोग बिजली पैदा करने में होता है। आमतौर पर सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा का उपयोग करकेनिचले जलाशय में जमा पानी को ऊपर बने जलाशय में पहुंचाया जाता है। फिर ऊपर वाले जलाशय के पानी को तेजी से गिराकर टर्बाइन घुमाया जाता है, जिससे बिजली पैदा होती है। जब ग्रिड को अधिक बिजली की जरूरत होती है, तब इन पंंप स्टोरेज प्रोजेक्ट से बिजली उत्पादन होता है, ऐसे में प्रोजेक्ट बैटरी की तरह उपयोग में लाये जाते है। इस प्रोजेक्ट में प्राकृतिक ऊर्जा(सौर, पवन) का प्रयोग होता है और ये पूरी तरह नवीकरणीय होते हैं। इस प्रोजेक्ट में नदी के प्राकृतिक जलबहाव पर भी कोई असर नहीं पड़ता। सिर्फ, बरसात में अधिक पानी को स्टोर कर लिया जाता है।
भईया जी की रिपोर्ट