नवादा : जिले के पुलिस महकमा में भ्रष्टाचार सर चढ़कर बोल रहा है। बालू और दारु पुलिस के लिए कामधेनु बना हुआ है। वक्त वक्त पर इससे संबंधित सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं। वायरल वीडियो जांच में सही पाये जाने पर कार्रवाई भी हुई है। इसी प्रकार का एक और आडियो रजौली थानाध्यक्ष का वायरल हो रहा है। अब जब आडियो वायरल हो रहा है तब वे अपने चहेते पत्रकारों के माध्यम से नयी कहानी बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करा रहे हैं।
जाहिर है इसके पहले इन्हें कभी इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी थी। जाहिर है, ऐसा रिश्वत मांगने व निजी चालक की मिलीभगत से अवैध राशि वसूली का पर्दाफाश होने के बाद ह़ो रहा है। और तो और वैसे पत्रकारों को जिन्होंने उन्हें बचाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले रखी थी उक्त वीडियो को जारी करने में रुचि नहीं दिखाई। ऐसे में खुद उनकी भूमिका पर उंगली उठनी शुरू हो गयी है। अब बात करते हैं मुद्दे की। प्राथमिकी दर्ज कौन करता है?
ऐसे में आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की आवश्यकता थी या फिर राशि वापस दिलाने का ठेका थाने दार ने ले रखा था? अगर आवेदन के आलोक में आपने प्राथमिकी दर्ज कर रखी थी तब फिर गिरफ्तार क्यों नहीं किया? फिर आप आडियो वायरल करने वाले को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी क्यों? बहरहाल मामला चाहे जो हो, कम से कम रजौली थानाध्यक्ष ने स्वीकार तो कर लिया वायरल आडियो उनका है। यहां तक कि निजी चालक के द्वारा अवैध वसूली का आडियो की पुष्टि उन्होंने स्वयं कर दी है। ऐसे में अब वरीय अधिकारियों के निर्णय आने का इंतजार हर किसी को है।
भईया जी की रिपोर्ट