नवादा : जिले में मनरेगा में भ्रष्टाचार की अकथ कहानी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में लूट का बाजार गर्म है। लूट भी ऐसी जिसपर किसी को यकीन नहीं होता, लेकिन ऐसा हो रहा है। अब आइए आपको ऐसी ही एक नयी कहानी बता रहा हूं। आश्चर्य यह कि सारे दस्तावेज के साथ खबरें रहने के बावजूद अधिकारियों द्वारा इसे नकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। जी हां! यहां फिलहाल हम बात कर रहे हैं अकबरपुर प्रखंड सकरपुरा पंचायत मारुफपुर गांव की। यहां वार्ड सदस्य की पतोहु विन्दू कुमारी पति जितेन्द्र कुमार आंगनबाड़ी सेविका है।
आंगनबाड़ी सेविका पद पर रहते हुए ये मनरेगा में मजदूरी यानी दोहरा काम कर रही है। जाहिर है जब दोहरा कार्य कर रही है तब दोहरा मानदेय भी प्राप्त कर रही है। उक्त मामले को जिले के बहुचर्चित पत्रकार रवीन्द्र नाथ भैया ने अपनी लेखनी से उठाया तब डीपीओ ने सेविका विन्दू कुमारी से स्पष्टीकरण की मांग कर दी। लेकिन दुर्भाग्य रहा कि सेविका ने अबतक कोई जबाब नहीं दिया। और तो और डीपीओ ने भी ज़बाब नहीं देने वाली सेविका के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की।
उक्त मामले को जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने जब मनरेगा लोकपाल को दस्तावेज के साथ आपत्ति जता कार्रवाई की मांग की तब लोकपाल ने पीओ अकबरपुर से स्पष्टीकरण मांगा। अब जो उन्होंने जबाव दिया है वह काफी चौंकाने वाला है। उन्होंने स्वीकार किया है कि विन्दू देवी के नाम मनरेगा जाब कार्ड है तथा उन्होंने मजदूरी की और भुगतान किया गया है। आगे वे कहते हैं उन्हें मालूम नहीं था कि उनके नाम पर मनरेगा का जवाब कार्ड है।
अब सबसे बड़ा सवाल जब उन्हें मालूम नहीं था तब उन्होंने बैंक से राशि की निकासी कैसे की? फिर उन्होंने राशि विभाग को वापस क्यों की? पीओ कहते हैं विन्दू देवी के स्थान पर दूसरी महिला का फोटो मजदूर के रूप में खिंचाई जाती थी। जाहिर है मनरेगा में सारा कार्य फर्जी होने की बातें खुद पीओ स्वीकार करने लगे हैं। डीएम साहब! जिले में मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार पर आप कबतक पर्दा डालने का काम करते रहेंगे? राशि जमा कर खुद आंगनबाड़ी सेविका विन्दू कुमारी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। क्या आप कार्रवाई करेंगे?
भईया जी की रिपोर्ट