नवादा : खरमास का प्रारंभ 16 दिसंबर मंगलवार को दिन में 1.24 बजे से आरंभ हो गया। इसके साथ ही आगामी 14 जनवरी तक के लिए मांगलिक कार्य पर प्रतिबंध लग गया। ज्योतिष के अनुसार, जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तभी से खरमास की शुरुआत होती है। माना जाता है कि इस दौरान सूर्य की ऊर्जा कम हो जाती है, इसके चलते इस अवधि में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।
इस दौरान सूर्य के कमजोर पड़ने से विवाह, मुंडन सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर विराम लगेगा। हालांकि, शुक्र का तारा अस्त होने से इस बार 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर सूर्य के उत्तरायण होने के बाद भी विवाह आदि मंगल कार्यों पर विराम रहेगा। फरवरी में ही मंगल कार्यों का शुभारंभ होगा। हृषीकेश पंचांग के अनुसार सूर्यदेव एक महीने तक यानी धनु राशि में रहने के बाद 14 जनवरी की रात मकर राशि में प्रवेश करेंगे। बावजूद शुभ मांगलिक कार्यों पर लगी रोक चार फरवरी को हटेगी। 11 दिसंबर 2025 को शुक्र ग्रह अस्त हो चुके हैं। शुक्र को प्रेम, दांपत्य सुख और विवाह का कारक ग्रह माना जाता है।
शुक्र के अस्त होने के कारण शादियों के शुभ मुहूर्त नहीं माने जाते हैं। इस तरह से 11 दिसंबर से ही विवाह समारोहों पर रोक लग चुकी है, जो आगे आने वाले समय तक बनी रहेगी। खरमास 14 जनवरी 2026 की रात में समाप्त हो जाएगा। इस बार विवाह के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा, क्योंकि शुक्र ग्रह 53 दिनों तक अस्त रहेंगे और एक फरवरी 2026 को फिर से उदय होंगे । इसके तीन दिन बाद शुभ कार्य आरंभ हो सकेंगे।
भईया जी की रिपोर्ट