नवादा : जनसुराज पार्टी ने बिहार के गरीबों, फुटपाथी दुकानदारों और झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों पर चल रही बुलडोज़र कार्रवाई को अमानवीय और असंवैधानिक बताते हुए इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। जनसुराज पार्टी के प्रवक्ता सैयद मसीह उद्दीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजे ई-मेल में कहा कि आज जब पूरा देश मानवाधिकार दिवस मना रहा है,बिहार में गरीबों की झोपड़ियाँ और फुटपाथी दुकानें तोड़ी जा रही हैं,महिलाएँ खुली ठंड में रो रही हैं और बच्चे सहम कर मां के सीने से चिपके हुए हैं तथा बुज़ुर्ग अपनी जीवनभर की कमाई को मलबे में बदलते देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस कड़ाके की ठंड में गरीबों को बेघर करना मात्र प्रशासनिक कठोरता नहीं बल्कि मानवाधिकार का सीधा और क्रूर उल्लंघन है।पुनर्वास और वैकल्पिक ब्यावस्था किए बिना और नोटिस दिये बगैर घरों को तोड़ना संविधान और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइनों का स्पष्ट उल्लंघन है। इस प्रकार यह विकास नहीं,गरीबों को मिटाने वाला बुलडोज़र मॉडल है।
उन्होंने आरोप लगाया कि नई सरकार,जिसमें गृह विभाग भाजपा के पास है,अब उस गुजरात-यूपी मॉडल को लागू कर रही है जिसमें विकास का मतलब गरीबों की दुर्दशा को दीवारों और बुलडोज़रों के पीछे छिपा रही है।उन्होंने कहा कि पटना से लेकर नवादा और राज्य के अन्य जिलों में फुटपाथी दुकानों को जबरन हटाया जा रहा है,विरोध करने पर पुलिस महिलाओं को खदेड़ रही है और रोज़ कमाने-खाने वाले परिवारों के रोजगार पर ताला लग रहा है और सरकार मानवाधिकार दिवस पर गरीबों से मुँह मोड़ती दिख रही है।
श्री मसीह उद्दीन ने कहा कि बुल्डोज़र से केवल झोपड़ियाँ नहीं गिर रहीं बल्कि यह लोकतंत्र के भरोसे की दीवारें गिर रही हैं।ऐसी ब्यावस्था जिसमें गरीब माँ-बाप अपने बच्चों को कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे सुलाने को मजबूर हों तो इसे सुशासन नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार दिवस पर सरकार को संवेदनशीलता की मिसाल पेश करनी चाहिए लेकिन इसके विपरीत पूरे बिहार में बुलडोज़र,चीख़ें और मलबे की तस्वीरें ही दिखाई दे रही हैं।
जनसुराज प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री के पुराने संवेदनशील नेतृत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि मैं उसी नीतीश कुमार के ज़मीर को पुकार रहा हूँ, जो एक समय कार्यकर्ताओं की बात ध्यान से सुनते थे,गरीबों की चिंता करते थे और न्याय को सर्वोपरि रखते थे। जनसुराज पार्टी ने बुलडोज़र कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने,बेघर गरीबों को तत्काल पुनर्वास कराने और फुटपाथी दुकानदारों तथा दैनिक मजदूरों के जीविकोपार्जन एवं रोजगार की सुरक्षा देने के साथ संविधान और सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मानवाधिकार मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाए और हर जिले में राहत-टीम और नाइट-शेल्टर की व्यवस्था बढ़ाई जाए ताकि कोई भी परिवार ठंड में बेघर न रहे।
भईया जी की रिपोर्ट