नवादा : जिले रजौली वनकर्मियों की करतूतों के कारण एक फिर उग्रवाद को बढ़ावा मिल सकता है। ऐसा स्थानीय लोगों का मानना है। वैसे काफी मशक्कत के बाद जिले में उग्रवाद पर काबू पाया जा सका है। इसके पूर्व रजौली के जंगलों में प्रवेश करने के पूर्व प्रशासन को सौ बार सोचना था। यहां तक कि लोकसभा या बिहार विधानसभा चुनाव तक में चुनाव कर्मी बूथ तक नहीं पहुंच कहां क्या होता था सबको मालूम है।
अब बात मुद्दे कि बुधवार को वनकर्मी रंजन कुमार भानेखाप के आसपास पहुंच अवैध खनन न होते देख वहां गाड़े जा रहे चापाकल के पास पूर्व से लगे दो कम्प्रेशर को जबरन जब्त कर लिया। जब स्थानीय लोगों ने विरोध किया तब सौदेबाजी आरंभ हो गयी। मुंहमांगी रकम देने से इंकार के बाद ज़ब्त कर वन परिसर क्षेत्र में लाकर लगा दिया।
जी हां! ऐसा मैं नहीं बल्कि स्थानीय लोगों द्वारा बनाए गये वीडियो कह रहा है। कहते हैं तस्वीरें झूठ नहीं बोलती लेकिन इसे भी वनों के क्षेत्र पदाधिकारी नकार रहे हैं। अब सबसे बड़ा सवाल क्या वनकर्मी क्षेत्र में उग्रवाद को पुनः वापस लाना चाहते हैं? कहते हैं जब प्रशासन की ज्यादती बढ़ती है तब उग्रवाद पनपता है।
ऐसे में जिला प्रशासन को अविलंब संज्ञान लिये जाने की आवश्यकता है। प्रशासन को चाहिए दोषी बचे नहीं, लेकिन निर्दोष फंसे नहीं। मामले की जांच कर दोषी के विरुद्ध अविलंब कार्रवाई की मांग क्षेत्रीय लोगों ने संबंधित अधिकारियों से की है।
भईया जी की रिपोर्ट