नवादा : 1972 में जन्मे युवक को मात्र 13 वर्ष यानी 1985 में पीडीएस विक्रेता को फर्जी अनुज्ञप्ति का मामला अब अंतिम चरण में है। जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल द्वारा लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के यहां सुनवाई के बाद अगली सुनवाई 10 दिसम्बर को निर्धारित किया गया है। ऐसे में अब कार्रवाई होना लगभग सुनिश्चित है। जी हां! यहां हम बात कर रहे हैं जिले के रजौली प्रखंड अमावां के पीडीएस विक्रेता योगेन्द्र पासवान की।
अब जब उनके लगभग सारे हथियार लगभग फेल होने के कगार पर है तब उन्होंने दूसरा रास्ता अख्तियार किया है। आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल पर रजौली के उनके स्वजातीय बंधुओं से केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके लिए बजाप्ता चर्चिल से उनके मोबाइल पर दबाव बनाया जा रहा है। बातचीत का आडियो मेरे पास उपलब्ध है, लेकिन जनहित में इसे वायरल नहीं किया जा सकता। बहरहाल पासवान का अंतिम हथियार कहां तक कारगर होगा? यह भविष्य के गर्भ में है।
भईया जी की रिपोर्ट