By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Swatva Samachar
Notification
  • Home
  • देश-विदेश
  • राज्य
  • राजपाट
  • खेल-कूद
  • मनोरंजन
  • अपराध
  • अर्थ
  • अवसर
  • आप्रवासी मंच
    • बिहारी समाज
  • मंथन
  • वायरल
  • विचार
  • शिक्षा
  • संस्कृति
  • स्वास्थ्य
  • वीडियो
  • E-Magazine
Font ResizerAa
Swatva SamacharSwatva Samachar
  • देश-विदेश
  • राजपाट
  • खेल-कूद
  • मनोरंजन
  • अपराध
  • अर्थ
  • अवसर
  • आप्रवासी मंच
  • बिहारी समाज
  • मंथन
  • वायरल
  • विचार
  • शिक्षा
  • संस्कृति
  • स्वास्थ्य
Search
  • About us
  • Advertisement
  • Editorial Policy
  • Grievance Report
  • Privacy Policy
  • Terms of use
  • Feedback
  • Contact us
Follow US
बिहारी समाज

मगध के गौरव : प्रेम कुमार की विधानसभा अध्यक्ष तक पहुंचने की अनोखी यात्रा

Swatva
Last updated: December 3, 2025 12:24 pm
By Swatva 104 Views
Share
6 Min Read
SHARE

नवादा : बिहार विधानसभा के नव-निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार को मगध की भूमि ने गढ़ा। यह वह भूमि है, जहां फल्गु के तट पर बहता हुआ समय केवल नदी-नालों की कहानी नहीं कहता, बल्कि आस्था, दर्शन और अनुशासन की एक दीर्घ परंपरा को आगे बढ़ाता है। विष्णुपद की सीढ़ियों पर चढ़ती भक्ति और प्रज्ञा की वह विरासत, जिसने गया को बुद्ध और विष्णु दोनों का धाम बनाया, आज भी इस शहर के जन-जीवन में संस्कार की तरह रची-बसी है। ऐसे आध्यात्मिक परिवेश की मिट्टी से उठकर जब कोई जननायक अपने कर्म और संयम से प्रतिष्ठा के शिखर तक पहुंचता है तो यह उपलब्धि किसी एक व्यक्ति की नहीं, पूरे क्षेत्र की होती है।

- Advertisement -

गया शहर से लगातार नौ बार विधायक चुना जाना सामान्य उपलब्धि नहीं। यह केवल चुनावी ग्राफ़ का स्थायी आरोह नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक मनोदशा, उसकी निष्ठा और उसकी आकांक्षा की एक विशिष्ट व्याख्या है। 1990 में पहली बार चुनाव जीतने के बाद डॉ. प्रेम कुमार ने जो यात्रा शुरू की, उसमें न अहंकार की आंच दिखी, न सत्ता का नशा। उनके व्यक्तित्व की सादगी, जनसरोकारों के प्रति उनकी सहज प्रतिबद्धता और जनता से सीधा संवाद, ये सब मिलकर उस विश्वास को निरंतर गाढ़ा करते रहे, जो गयाजी ने उन पर रखा। उनकी जीत को केवल जातीय समीकरणों के फ्रेम में कैद करना उनके प्रभाव की व्यापकता को छोटा करना होगा।

यह तथ्य सही है कि वे चंद्रवंशी समुदाय से आते हैं, जिसका इस क्षेत्र में उल्लेखनीय आधार है। किंतु प्रेम कुमार का सामाजिक आधार इससे कहीं व्यापक है। वे एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने जाति के बने-बनाए घेरों से ऊपर उठकर सर्व समाज की स्वीकृति अर्जित की। उनके पास कोई तेवरों वाला भाषणबाज चेहरा नहीं है; बल्कि शांत, सुनने वाला, हर द्वार पर पहुंचने और हर पीड़ा को अपनी पीड़ा मानने वाला स्वभाव है, जिसने उन्हें गया की सामाजिक बुनावट का नैसर्गिक हिस्सा बना दिया।

गया, जहां परंपरा और आधुनिकता का संतुलन अनवरत बहता रहता है। उसकी यह दोहरी धारा प्रेम कुमार के व्यक्तित्व में भी दिखती है। विष्णुपद की शाश्वतता और बुद्ध की करुणा दोनों का अद्भुत संगम उनकी राजनीतिक शैली में दिखता है। बिहार में स्वास्थ्य, शहरी विकास, कृषि और पर्यावरण जैसे विभागों का नेतृत्व करते हुए उन्होंने प्रशासन को केवल आदेश की नहीं, सेवा की भाषा दी। उनके काम में गया के आध्यात्मिक वातावरण की शांति भी झलकती है और संघर्षों को संवाद में बदल देने की क्षमता भी।

- Advertisement -

2015 का चुनाव बिहार की राजनीति का कठिन दौर था। महागठबंधन की तेज़ लहर में जहां बड़े-बड़े नाम बहे, वहीं प्रेम कुमार अपने जनाधार पर अडिग रहे। यह वही क्षण था जब गया की जनता ने फिर दिखाया कि उसके लिए नेता केवल दल का नहीं, भरोसे का होता है। यही भरोसा उन्हें नेता प्रतिपक्ष की गरिमामय भूमिका तक लेकर गया, क्योंकि जनता जानती थी कि संघर्ष में भी मर्यादा और असहमति में भी संवाद की परिपाटी का पालन वही नेता कर सकता है, जिसकी राजनीति केवल सत्ता पर केंद्रित न हो।

आज जब वे बिहार विधान सभा के 18वें अध्यक्ष बने हैं तो यह केवल एक संवैधानिक पद की प्राप्ति नहीं, बल्कि तीन दशक की तपस्या, संयम और नैतिक आचरण का पुरस्कार है। यह उस परंपरा का भी सम्मान है, जिसमें राजनीति को ‘करियर’ नहीं, ‘कर्तव्य’ माना जाता है। उनके सर्वसम्मति से निर्वाचन में उनकी सामाजिक स्वीकार्यता का स्पष्ट संदेश छिपा है कि प्रेम कुमार केवल एक दल या एक वर्ग के नेता नहीं, बल्कि बिहार की लोकतांत्रिक मर्यादाओं के एक नए संरक्षक के रूप में देखे जा रहे हैं।

- Advertisement -

उनकी यात्रा में जेपी आंदोलन से जुड़ाव भी अत्यंत महत्वपूर्ण अध्याय है। यह संबंध उन्हें उस नैतिक धारा से जोड़ता है, जिसने भारतीय राजनीति में सिद्धांत, त्याग और चरित्र को केंद्र में रखा था। आज जब राजनीति में वैचारिक दृढ़ता दुर्लभ होती जा रही है, प्रेम कुमार का यह पारिवारिक-राजनीतिक संस्कार उन्हें भीड़ से अलग खड़ा करता है। वरिष्ठ पत्रकार सेराज अनवर का यह कथन सहज सत्य जैसा लगता है कि, “अपने शहर का कोई उच्च पद पर पहुंचे, तो गर्व होता है।” गयाजी ने पहले जीतनराम मांझी के रूप में मुख्यमंत्री दिया, उससे भी पहले बुद्ध और विष्णु जैसे युग-पुरुष दिए, सूफी पीर मंसूर दिए और अब विधानसभा अध्यक्ष। विचारधारा चाहे जो हो, लेकिन गया का गौरव अपनी जगह अडिग है।

आज जब प्रेम कुमार बिहार विधानमंडल की गरिमा और दिशा तय करने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं तो यह उनके लिए सत्ता से अधिक दायित्व का समय है। जैसे फल्गु नदी सूखे में भी अपने भीतर जल को सहेजकर रखती है, उसी तरह उन्होंने भी अपनी लंबी राजनीतिक यात्रा में संवाद, संयम और सेवा को भीतर जिंदा रखा है। मगध की जनता ने जिस मिट्टी से उन्हें उठाया, वही अब पूरे बिहार के लोकतांत्रिक आंगन में मर्यादा की आधारशिला बन चुकी है।

भईया जी की रिपोर्ट

TAGGED: NAWADA, nawada live, Nawada news, nawada updates
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn Telegram Copy Link
Did like the post ?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0
Leave a comment Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

हमने पुरानी ख़बरों को आर्काइव में डाल दिया है, पुरानी खबरों को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कर। Read old news on Archive

Live News

- Advertisement -

Latest News

जी हां! चौंकिए नहीं, प्रखंड परिसर से हो रही शराब तस्करी
बिहारी समाज
मशरूम की खेती का हब बना नवादा, राज्य समेत अन्य राज्यों में की जा रही आपूर्ति
बिहारी समाज
140 लीटर महुआ शराब बरामद, बाइक जब्त, धंधेबाज फरार
बिहारी समाज
मुखिया को पदच्युत करने में विभाग के फूल रहे हाथ पांव
बिहारी समाज
- Advertisement -

Like us on facebook

Subscribe our Channel

Popular Post

जी हां! चौंकिए नहीं, प्रखंड परिसर से हो रही शराब तस्करी
बिहारी समाज
मशरूम की खेती का हब बना नवादा, राज्य समेत अन्य राज्यों में की जा रही आपूर्ति
बिहारी समाज
140 लीटर महुआ शराब बरामद, बाइक जब्त, धंधेबाज फरार
बिहारी समाज
मुखिया को पदच्युत करने में विभाग के फूल रहे हाथ पांव
बिहारी समाज
- Advertisement -
- Advertisement -

Related Stories

Uncover the stories that related to the post!
बिहारी समाज

जी हां! चौंकिए नहीं, प्रखंड परिसर से हो रही शराब तस्करी

नवादा : जिले में शराब तस्करों का हौसला बुलंद है। ऐसा मैं…

By Swatva
बिहारी समाज

मशरूम की खेती का हब बना नवादा, राज्य समेत अन्य राज्यों में की जा रही आपूर्ति

नवादा : जिला मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर नवादा-पकरीबरावां पथ पर स्थित…

By Swatva
बिहारी समाज

140 लीटर महुआ शराब बरामद, बाइक जब्त, धंधेबाज फरार

नवादा : जिले की अकबरपुर पुलिस ने नेशनल हाईवे 20 पर रामदेव…

By Swatva

मुखिया को पदच्युत करने में विभाग के फूल रहे हाथ पांव

नवादा : जिले के अकबरपुर प्रखंड वकसंडा पंचायत मुखिया को पदच्युत करने…

By Swatva
Show More
- Advertisement -

About us

पत्रकारों द्वारा प्रामाणिक पत्रकारिता हमारा लक्ष्य | लोकचेतना जागरण से लोकसत्ता के सामर्थ्य को स्थापित करना हमारा ध्येय | सूचना के साथ, ज्ञान के लिए, गरिमा से युक्त |

Contact us: [email protected]

Facebook Twitter Youtube Whatsapp
Company
  • About us
  • Feedback
  • Advertisement
  • Contact us
More Info
  • Editorial Policy
  • Grievance Report
  • Privacy Policy
  • Terms of use

Sign Up For Free

Subscribe to our newsletter and don't miss out on our programs, webinars and trainings.

[mc4wp_form]

©. 2020-2024. Swatva Samachar. All Rights Reserved.

Website Designed by Cotlas.

adbanner
AdBlock Detected
Our site is an advertising supported site. Please whitelist to support our site.
Okay, I'll Whitelist
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?