नवादा : जिले में पीडीएस माफिया की शक्ति क्या है? देखना हो तो रजौली आइये। फर्जी अनुज्ञप्ति पर आज भी खाद्यान्न का उठाव जारी है। ऐसा अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है। जी हां! यहां हम बात कर रहे हैं रजौली प्रखंड क्षेत्र के अमावां के योगेन्द्र पासवान की अनुज्ञप्ति संख्या 85/17 का। इन्हें अधिकारियों ने न केवल नाबालिग रहने के बावजूद फर्जी तरीके से पीडीएस की अनुज्ञप्ति दे दी बल्कि मूल अभिलेख को ही ग़ायब कर दिया।
आश्चर्य यह कि बगैर मूल अभिलेख के ही अबतक अनुज्ञप्ति का नवीकरण भी किया जा रहा है और करोड़ों रुपए मूल्य का खाद्यान्न का भी गबन किया और कराया जा रहा है । अमावां इंटर विद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये दस्तावेज से पासवान के नाबालिग होने की पुष्टि तक हो चुकी है। जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने इस बावत जिला लोक शिकायत में वाद कराया था। उक्त वाद में अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, नवादा द्वारा मूल अभिलेख की मांग की गयी लेकिन ऱजौली एसडीएम से लेकर जिला आपूर्ति अधिकारी तक ने अभिलेख न होने की सूचना देकर पल्ला झाड़ लिया।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मूल अभिलेख ही नहीं है तो फिर अनुज्ञप्ति का नवीकरण क्यों और खाद्यान्न का आवंटन किसकी अनुमति से ? इससे स्पष्ट है कि अनुज्ञप्ति फर्जी है और अधिकारियों द्वारा इसे संरक्षण देकर खाद्यान्न का बंदरबांट कराया जा रहा। ऐसे में एकबार फिर लोक शिकायत में परिवाद दायर करा मूल अभिलेख उपलब्ध कराने व दोषी विक्रेता समेत संरक्षण देने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। वैसे समाहर्ता को इस प्रकार के फर्जीवाड़े की जांचोपरांत स्वत: कार्रवाई करने की आवश्यकता है। लेकिन ऐसा होगा नहीं? क्योंकि हमाम में ———-।
भईया जी की रिपोर्ट