नवादा : डीएम साहब! आपने अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई न करने की ठान ली है। चलिये हर कोई अपने अपने तरीके से काम करने के लिए स्वतंत्र है। इस प्रकार के की उदाहरण भरे पड़े हैं। सारे प्रमाण मौजूद रहने के बावजूद कार्रवाई शून्य रही। कारण चाहे जो हो लेकिन इससे जनता की नजरों में प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है।
केस नम्बर एक
अकबरपुर बाजार में औषधि निरीक्षक के कर्मी द्वारा दिन के उजाले में दवा विक्रेताओं से अवैध वसूली का रिश्वत लेते वीडियो वायरल हुआ। कार्रवाई के नाम पर स्थानांतरण से आगे शून्य।
केस नम्बर दो
रजौली बीआरसी में वर्षों से कार्यरत रवीन्द्र के आरटीआई कार्यकर्ता विन्दा प्रसाद निराला को धमकी से संबंधित वीडियो वायरल हुआ। यहां तक कि शिक्षकों ने बजाप्ता बैठक कर रविन्द्र पर जातिय उन्माद फैलाने का आरोप लगाया। कार्रवाई शून्य। मनरेगा में फैले भ्रष्टाचार के सैकड़ों मामले की जांच तक नहीं हुई। ऐसे सैंकड़ों मामले भरे पड़े हैं। इन सबों से इतर एक नया मामला एकबार फिर आपके सामने रख रहा हूं। मामला पकरीबरावां शिक्षा विभाग से जुड़ा है।
पकरीबरावां अंचल के ढ़ोढा मध्य विद्यालय की शिक्षिका विद्यालय को ही आरामगाह बना लिया है। वायरल फोटो खुद व खुद सारी कहानियां बयां कर रही है। एक शिक्षिका को पढ़ाने के बजाय मोबाइल से फुर्सत नहीं है तो दूसरी को सोने से फुर्सत नहीं है। अब गेंद एकबार फिर डीएम के पाले में है। निर्णय उन्हें लेना है जिसका इंतजार हर किसी को रहेगा।
भईया जी की रिपोर्ट