नवादा : बिहार विधानसभा चुनाव के आखिरी दिन प्रचार का शोर थम गया किंतु चुनावी चर्चाएं गली गली गूंजने लगी है । हरेक नेता कार्यकर्ता अपने अपने प्रत्याशी की हवा बनाने में लगे हैं । उम्मीद से अधिक दावे प्रतिदावे में सभी उम्मीदवार कम से कम 50 हजार वोटों के अंतर से जीत रहे हैं। वैसे प्रत्याशियों के चेहरे पर शिकन बढ़ता जा रहा है और अंदरूनी जोड़ घटाव में आटा – दाल का भाव साफ नजर आ रहा है।
नवादा विधानसभा क्षेत्र में कुल 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं किंतु मुख्य मुकाबला त्रिकोणीय है जिसमें एनडीए समर्थित जदयू प्रत्याशी विभा देवी , महागठबंधन से राजद प्रत्याशी कौशल यादव और जन स्वराज पार्टी से अनुज सिंह का नाम उल्लेखनीय है । चौथा ध्रुव हिंदुवादी नेता जितेंद्र प्रताप जीतू जी बना रहे हैं जो निर्दलीय ताल ठोक कर तीनों प्रत्याशियों का गणित गड़बड़ाने के लिए काफी है।
चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि आखिरी मुकाबला आमने सामने का होना तय है क्योंकि जातीय समीकरण और वोटों का ध्रुवीकरण ही मुकाबले का मुख्य फैक्टर हो जाता है। इस हिसाब से देखें तो विभा देवी को मोदी नीतीश की जोड़ी के अलावे स्थानीय कद्दावर नेता राजबल्लभ प्रसाद का खुल्लम खुल्ला आशीर्वाद प्राप्त है इसलिए जनाधार का मिजाज कुछ ज्यादा ही आश्वस्त है। हालांकि उनके कोर वोटर में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है क्योंकि भूमिहार वोटरों पर अनुज सिंह की दावेदारी आज भी बरकरार है।
वैसे बौद्धिक वर्ग का मानना है कि अनुज सिंह को केवल भूमिहार वोट से जीत दिलवाना कठिन है इसलिए मतों का बिखराव रोक कर ही राजद उम्मीदवार को हराया जा सकता है। जाहिर है इस परिस्थिति में विभा देवी को लाभ मिलेगा। बाजार वोट पर जितेंद्र प्रताप जीतू फन काढ़ कर बैठे हैं किंतु विभा देवी के ताबड़तोड़ जनसंपर्क ने उसे निरस्त कर दिया है। पिछड़ा, अतिपिछड़ा, कोयरी कुर्मी और महिला वोट आज भी जदयू के लिए सुरक्षित माना जा रहा है। पचपौनियां का वोट भी इनके लिए महत्वपूर्ण है।
अगर बात करें राजद के उम्मीदवार कौशल यादव की तो उनका कोर वोटर यादव और मुस्लिम है जिसकी संख्या नवादा में अच्छी खासी है। इस वोट को खराब करने में राजद के केंद्रीय नेतृत्व ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। कौशल यादव की छवि इन दोनों वर्गों में सुपाच्य नहीं है। पिछले चुनाव में जदयू उम्मीदवार रहकर भी ये तीसरे स्थान पर खिसक गए थे। इस बार राजद के प्रति जातीय संवेदना को तोड़ने में पूर्व श्रम राज्यमंत्री राजबल्लभ प्रसाद सफल हो रहे हैं। यहां के यादव समुदाय राजबल्लभ प्रसाद को ही नेता मानता रहा है। लिहाजा बड़ी संख्या में इन वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है।
गोविंदपुर से मो कामरान का टिकट काटने पर यहां के मुस्लिम मतदाता पहले ही नाराज हो चुके हैं। ऊपर से ओवैसी की पार्टी ने मुस्लिम वोटर में सेंध लगा दिया है। कुल मिलाकर नवादा 237 विधान सभा क्षेत्र का परिणाम स्पष्ट रूप से झलक रहा है । वैसे चुनाव में पल पल परिस्थितियां बदलती है इसलिए अभी कुछ भी कहना केवल अनुमान ही हो सकता है। देखना यह है कि इस चुनावी चक्रव्यूह को कौन अभिमन्यु भेद पाता है ?