नवादा : जिले के मगही के मुर्द्धन्य कवि लेखक सह पत्रकारों के भिष्म पितामह रामरतन प्रसाद सिंह रत्नाकर का शुक्रवार देर रात पैतृक गांव मकनपुर में असामयिक निधन हो गया। निधन का समाचार मिलते ही जिले में शोक की लहर दौड़ पड़ी। अंतिम दर्शन को ले तांता लग गया। छात्र जीवन में उनकी मगही में लिखी गांव की लक्ष्मी कविता से उन्होंने अपनी उपस्थिति करायी। सबसे कम उम्र में पंचायत के मुखिया बने। राजनितिक जीवन में लोकदल के जिलाध्यक्ष व जिला पत्रकार संघ के वर्षों सफल अध्यक्ष रहे।
उन्होंने मगही व हिन्दी साहित्य मंच को आगे बढ़ाते हुए दर्जनों पुस्तकें लिखी तो पत्रकारिता में अमिट छाप छोड़ी। यह कहा जा सकता है कि अपने जीवन काल में शायद ही ऐसा कोई स्थान शेष रहा हो जहां उन्होंने अपनी छाप न छोड़ी हो। आकाशवाणी से लेकर दूरदर्शन पर प्रसारित उनकी सैकड़ों वार्ता ने उन्हें बिहार ही नहीं हिन्दी प्रदेशों में पहचान दिलाई। दर्जनों पुरस्कार से सम्मानित किए गए। उनका इस प्रकार जाना मगही-हिंदी के साथ पत्रकारिता जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है जिसकी भरपाई संभव नहीं है। उनका अंतिम संस्कार बाढ़ उमानाथ घाट पर संपन्न हुआ।
उनके असामयिक निधन पर जिले के वरिष्ठ पत्रकार रामजी, रवीन्द्र नाथ भैया, अशोक प्रियदर्शी, वरुणेन्द्र कुमार, मनोज कुमार, अनिल विशाल, कृष्ण कुमार चंचल ने विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मृतात्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। दूसरी ओर पूर्व मंत्री राजवल्लभ यादव, विधायक विभा देवी, अरुणा देवी, पूर्व विधायक अनिल सिंह, राज्य अल्पसंख्यक आयोग सदस्य अफरोजा खातुन, जदयू नेता दीपक कुमार मुन्ना समेत हजारों लोगों ने शोक प्रकट करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि दी। शोक व्यक्त करने वालों का तांता लगा है।
भईया जी की रिपोर्ट