नवादा : पुलिस लाइन में बिना वाहनों के उपयोग के फर्जी तरीके से ईंधन की खपत दिखाकर कथित भुगतान का एक बड़ा मामला सामने आया है। मामला 2021 से 2025 के बीच 29 अकार्यरत/रद्दीकरण सरकारी वाहनों के ईंधन भुगतान से जुड़ा है।
मामला गंभीर होने के कारण एसपी अभिनव धीमान के संज्ञान में आते ही मामले में प्राथमिकी के आदेश दिये गये जिसके बाद पुलिस लाइन के डीएसपी (रक्षित) मनोज कुमार ने नगर थाना में 04 अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज करायी है। दर्ज कांड संख्या-1042/25 में तीन एमटी सार्जेंट (परिवहन शाखा प्रभारी) को आरोपित किया गया है। इनमें तत्कालीन एसआई धर्मेन्द्र कुमार यादव व एसआई अबुजर हुसैन तथा वर्तमान परिचारी सोनू कुमार शामिल हैं। इनके विरुद्ध सरकारी पद पर रहकर आपराधिक विश्वासघात करने व निर्देशों की अवज्ञा से जुड़े मामले में बीएनएस की धारा 316(5) व 199 के तहत आरोप लगाये गये हैं।
ट्रैफिक डीएसपी की जांच में खुलासा
पुलिस लाइन के निरीक्षण के दौरान संदिग्ध पाये जाने पर एसपी द्वारा परिवहन शाखा को जांच का आदेश 01 सितम्बर 2025 को नवादा के तत्कालीन ट्रैफिक डीएसपी ऋषभ शिवरंजन को दिया गया था। ट्रैफिक डीएसपी द्वारा 19 सितम्बर को 29 सरकारी वाहनों, जिसे वर्हिपथ किया जा चुका है के संबंध में एसपी को दिये गये जांच प्रतिवेदन में उक्त वाहनों से संबंधित अभिलेखों में अनियमितता व विसंगतियां जैसे गंभीर आरोप पाये गये। इन वाहनों का वर्ष 2021 से वर्हिपथ तिथि के दौरान कार्यरत परिवहन शाखा प्रभारियों को इसके लिए उत्तरदायी माना गया। जिसके आधार पर लाइन डीएसपी द्वारा संबंधित पदाधिकारियों के विरुद्ध अग्रिम कार्रवाई की एसपी से अनुशंसा की गयी।
इन बिन्दुओं पर हुई जांच
29 वाहनों में से 18 चौपहिया वाहन तथा 11 दोपहिया वाहन थे। किसी भी वाहन में जीपीएस उपलब्ध नहीं था। जिसके कारण तय की गयी दूरी का सटिक आकलन संभव नहीं था। 29 में से 23 वाहनों का चालक का लॉग बुक उपलब्ध नहीं पाया गया। इसकी पुष्टि के लिए कार्यालय प्रति की जांच की गयी। परंतु अधिकांश वाहनों में आवश्यक विवरणी दर्ज नहीं था। कुछ वाहनों में बिना किसी विवरणी के केवल ईंधन खपत अंकित पाया गया। बता दें कि 29 में से 14 वाहनों का 30 अगस्त 2024 को तथा 15 वाहनों का 21 मई 2024 को आईजी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा रद्दीकरण किया गया था।
पायी गयी अनियमितताएं कार्यालय प्रति में वाहनों में ईंधन की खपत की मात्रा व दूरी दर्शायी गयी थी। परंतु अन्य अभिलेखों में इसका कोई उल्लेख नहीं पाया गया। जिससे यह स्पष्ट नहीं हुआ कि वाहन कहां प्रयुक्त किये गये। पिछले पांच वर्षों में कुछ वाहनों की न तो सर्विसिंग हुई और न ही मरम्मत। टायर भी नहीं बदले गये। परंतु उन वाहनों से हजारों किमी का सफर किया गया। किसी वाहन की एक बार सर्विसिंग हुई तो किसी का एक ही बार टायर बदला गया। 2021-22 की मासिक रिपोर्ट उपलब्ध नहीं पाया गया। अन्य वर्षों के मासिक रिपोर्ट व मरम्मत रजिस्टर के आंकड़ों में अंतर पाया गया। वाहनों के पार्ट्स के परिवर्तन के अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये गये।
विसंगतियों पर एक नजर
वाहन संख्या बीआर 27 ई 5069 द्वारा कुल तय दूरी 67714 किमी परंतु मरम्मत अभिलेख नहीं – वाहन संख्या बीआर 27 ए 7273 द्वारा 05 वर्षों में तय दूरी 34786 किमी,सर्विसिंग मात्र एक बार – वाहन संख्या बीआर 27 ई 5064 द्वारा 02 वर्षों में तय दूरी 37663 किमी,टायर चेंज का अभिलेख नहीं – वाहन संख्या बीआर 27 ई 2013 द्वारा 05 वर्षों में तय दूरी 36975 किमी,टायर चेंज एक बार 2013 में ।
कहते हैं अधिकारी : परिवहन शाखा की जांच ट्रैफिक डीएसपी द्वारा करायी गयी थी। जांच में अनियमितता पाये जाने पर तीन एमटी सार्जेंट के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। बिना वाहनों के चले ईंधन की खपत का आरोप है। अनुसंधान में स्पष्ट होगा। दोषी पाये जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
भईया जी की रिपोर्ट