नवादा : जिले के रजौली अनुमंडल क्षेत्र के मेसकौर थाना क्षेत्र से बहू द्वारा सास की सहयोगियों के साथ मिलकर हत्या किये जाने का उद्भेदन तकरीबन 118 दिनों बाद पुलिस ने किया है। प्रेम विवाह के महज पांच महीने में ही बहू ने अपने सहयोगियों की मदद से अपनी सास को मौत के घाट उतार दी थी। 8 जून से गायब सास के शव को पुलिस ने लगभग एक माह बाद नारदीगंज थाना क्षेत्र के पेस गांव के पास पहाड़ी से बरामद किया था। मामले का उद्भेदन एसडीपीओ रजौली गुलशन कुमार के द्वारा किया गया।
क्या है मामला
08 जून को मेसकौर थाना क्षेत्र के नौडीहा गांव निवासी कृष्णा राजवंशी की 45 वर्षीय पत्नी किरण देवी गायब थी। किरण देवी के पिता केशर राजवंशी द्वारा अपनी पुत्री के अपहरण को ले मेसकौर थाना में गायब होने के 15 दिनों के बाद प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। प्राथमिकी में पीड़ित ने अपनी बेटी की बहु कांचो देवी और उसके परिजनों पर अपहरण का आरोप लगाया था। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस एक्शन में आई और मामले की तह तक गई, चूंकि घटना और प्राथमिकी दर्ज होने के बीच लगभग 15 दिनों का अंतर था, इसलिए पुलिस को मामले के उद्भेदन में थोड़ा समय लग गया।
लव मैरेज के कारण सास-बहु में होती थी नोंक-झोंक
एसडीपीओ गुलशन कुमार ने बताया कि किरण देवी के बेटे ने इसी वर्ष शिवरात्रि के दिन पहले से एक बच्चे की मां कांचो देवी के साथ शादी कर घर ले आया था। बेटे की शादी से उसकी मां खुश नहीं थी इस कारण दोनों में अक्सर नोंक झोंक होते रहता था।
हत्या की रची गई साजिश
सास-बहू के झगड़े से परेशान होकर बहु कांचो देवी ने अपनी सास को रास्ते से हटाने की योजना नौडीहा गांव के ही रहने वाले अपने सहयोगी चचेरी बहन के बेटे रंजीत कुमार और रंजीत के दोस्त करण कुमार के साथ मिलकर बनाई। इसी बीच सास किरण देवी की तबियत थोड़ी खराब थी, जिसे बहु कांचो देवी ने पड़ोसी करण कुमार के साथ बाइक पर बैठाकर 8 जून को हिसुआ ले गई।
हिसुआ से वे तीनों बाइक से पेस गांव पहुंची, जहां किरण देवी का मायके था।लौटने के क्रम में किरण देवी को करण कुमार और कांचो देवी ने दातुन तोड़ने के बहाने पहाड़ पर ले गए। पहाड़ पर पहले किरण देवी का गला घोंटा गया एवं धारदार ब्लेड से गर्दन काट छोड़ दिया गया। किरण देवी के मायके पेस गांव से नौडीहा नहीं पहुंचने पर परिजन परेशान होने लगे, तो आरोपियों ने किरण देवी को रास्ते में ही उतर कर वजीरगंज जाने की बात बताई गई। 15 दिनों तक जब पता नहीं चला, तो किरण देवी के पिता केशर राजवंशी ने थाने में आवेदन देकर कांचो देवी और उसके परिजनों पर अपहरण का केस दर्ज करवाया।
अपहरण बदला मर्डर केस में
पुलिस ने किरण देवी के अपहरण का मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया। बहु कांचो देवी और करण कुमार से पूछताछ किया जिसमें उन्होंने स्क्रिप्टेड स्टोरी को बताकर पुलिस को भी गुमराह किया, किंतु 3 जुलाई को नारदीगंज के पहाड़ पर पुलिस को एक शव का कंकाल मिला, जिसका पहचान किरण देवी के रूप में हुई। पुलिस द्वारा अब अपहरण के केस को मर्डर में तब्दील किया गया।
बहु की गिरफ्तारी के बाद खुला राज
पुलिस किरण देवी के हत्यारे की खोज में जुट गई। इस क्रम में उसकी बहु कांचो देवी भी गायब हो गई, जिसे पुलिस ने रविवार को हिरासत में लिया और पूछताछ में बहु ने स्वीकार किया कि वे अपनी सास किरण देवी के साथ हो रहे झगड़े से परेशान थी। इससे निजात दिलाने में उसने अपने चचेरी बहन के बेटे रंजीत कुमार और उसके दोस्त करण कुमार की मदद ली। पुलिस ने कॉल डिटेल्स में कांचो देवी और करण कुमार के बीच बहुत ज्यादा बातचीत पाया। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने हत्या की इस पहेली को सुलझाने में कामयाबी हासिल की।
एसडीपीओ ने बताया कि किरण देवी की हत्या के समय कांचो देवी और करण कुमार घटनास्थल पर मौजूद थे, जिन्होंने घटना को अंजाम दिया, जबकि रंजीत कुमार हत्या के समय नहीं था, किंतु षड्यंत्र में उसकी संलिप्तता पायी गयी है। एसडीपीओ गुलशन कुमार ने बताया कि अपहरण से शुरू हुआ मामला मर्डर तक पहुंचा ।पुलिस ने मामले का सफल उद्भेदन करते हुए बहु कांचो देवी, करण कुमार और रंजीत कुमार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार सभी आरोपियों से आवश्यक पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
भईया जी की रिपोर्ट