नवादा : जिले में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षक नियोजन के लिए जिम्मेवार कौन? जिम्मेवार पर कार्रवाई क्यों नहीं? यह सवाल अब उठने शुरू हो गये हैं। आखिर इसका जबाब कौन देगा?
ताजा मामला जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल प्रखंड का है। आरटीआई से फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाली का खुलासा होते ही शिक्षक उज्जवल कुमार आजाद की सेवा समाप्त तो कर दी गयी लेकिन इसके लिये जिम्मेवार के मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने चुप्पी साध रखी है। फिर किये गए वेतन भुगतान का आखिर क्या होगा? उक्त मामले का भी आदेश में कोई उल्लेख नहीं है। जाहिर है नियुक्ति के पूर्व संबंधित शिक्षक के प्रमाण पत्र की जांच के बाद ही नियुक्ति पत्र दिया गया होगा? फिर फर्जीवाड़ा हुआ कैसे?
यह सच है कि जिले में शिक्षक भर्ती में पंचायत से लेकर प्रखंड स्तर पर व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरती गयी है। इस खेल के लिए अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि तक जिम्मेवार है। और तो और नियुक्ति से संबंधित संचिका तक को गायब कर दिया गया है। निगरानी जांच में भी लाभ – शुभ की पोल खुल रही है। नियुक्त शिक्षकों की सेवा तो समाप्त की जा रही है लेकिन नियुक्ति के लिए जिम्मेवार लोगों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं है। इससे स्पष्ट है हमाम में सब के सब नंगे हैं। आवश्यकता वैसे लोगों पर कार्रवाई की है।
भईया जी की रिपोर्ट