नवादा : जिले के रजौली नगर पंचायत मुख्यालय अनुमंडलीय अस्पताल में स्वास्थ्य जांच व इलाज की सेवाएं 72 घंटों से अधिक समय तक बाधित रहने के बाद अंततः बहाल होने की उम्मीद जग गई हैं। 22 सितंबर से लगातार हड़ताल पर चल रहे चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने रजौली पुलिस के समझाने-बुझाने और आरोपी की जल्द गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त करने का निर्णय लिया।
क्या था मामला
20 सितंबर की शाम करीब 7:30 बजे ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक अनुज कुमार के साथ बहादुरपुर पंचायत की ऐदलबिगहा गांव निवासी सुरेश यादव ने इलाज के क्रम में मारपीट की थी। सुरेश यादव अपने परिजनों के साथ टूटी हुई उंगली का इलाज कराने पहुंचे थे। बताया गया कि मरीज ने डॉक्टर को गाली देना शुरू कर दिया और विरोध करने पर मारपीट की। घटना के विरोध में अस्पताल के चिकित्सकों ने निंदा करते हुए सोमवार से लगातार 72 घंटे तक ओपीडी सेवाएं बाधित रखने का निर्णय लिया। घटना के बाद डॉक्टर के बयान पर रजौली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
सिविल सर्जन की अपील और धरने पर बैठे चिकित्सक
मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ. विनोद चौधरी ने घटना की निंदा करते हुए लोगों से अपील की थी कि चिकित्साकर्मी आपकी सेवा के लिए हैं और उनसे मारपीट करना उचित नहीं है। उन्होंने चिकित्सकों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा था कि आरोपी की गिरफ्तारी होने और कुछ अन्य मांगें पूरी होने के बाद ही ओपीडी सुचारू रूप से चालू होगी। बुधवार की सुबह तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से आहत होकर चिकित्सकों की टीम ने प्रभारी उपाधीक्षक के मौजूदगी में सभी कर्मियों के साथ अनुमंडलीय अस्पताल के गेट पर धरना शुरू कर दिया।
पुलिस के हस्तक्षेप के बाद बनी सहमति
लगातार तीसरे दिन ओपीडी बाधित रहने और चिकित्सकों के धरने पर बैठने की सूचना पाकर रजौली थाने के एसआई व केस के आइओ नूर आलम और एएसआई सत्यदेव प्रसाद पुलिस बलों के साथ अस्पताल पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने चिकित्सकों को काफी समझाया और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी किए जाने का आश्वासन दिया। पुलिस के आश्वासन के बाद ही चिकित्सकों ने ओपीडी सेवाएं सुचारू रूप से चालू करने पर सहमति जताई।
अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. दिलीप कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय से कोई निर्देश प्राप्त होने पर जानकारी दी जाएगी, लेकिन संभवतः गुरुवार से ओपीडी सुचारू रूप से चालू कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं लगातार चालू थीं और मरीजों का इलाज जारी रहा।इधर ओपीडी चालू करने की बात पर सिविल सर्जन नवादा डॉ बिनोद कुमार चौधरी कन्नी काटते नजर आए। वे लगातार बैठक में होने की बात कहकर फोन को काट दिया।
भईया जी की रिपोर्ट