नवादा : आत्मशुद्धि का परम पावन महापर्व पर्युषण के छठे दिन मंगलवार को जैन धर्मावलंबियों ने पूरी श्रद्धा एवं भक्तिभाव के साथ दशलक्षण धर्म के षष्टम स्वरूप उत्तम संयम धर्म की विशेष पूजा अर्चना की। जिला मुख्यालय स्थित भगवान महावीर के प्रथम शिष्य श्री गौतम गणधर स्वामी की निर्वाण स्थली श्री गुणावां जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पर जैन श्रद्धालुओं ने प्रातःकालीन बेला में श्री जिनेंद्र प्रभु का पंचामृत अभिषेक व शांति धारा कर विश्वशांति एवं जीवमात्र के कल्याण के लिए मंगलकामना की। अनुष्ठान के दौरान श्रद्धालुओं ने देव शास्त्र गुरू पूजा, चौबीसी पूजा, सोलहकारण पूजा एवं दशलक्षण धर्म पूजा की। तत्पश्चात धर्म की षष्टम अवधारणा उत्तम संयम धर्म की विशेष आराधना करते हुये अपने व्यवहारिक जीवन में संयम धारण करने का संकल्प लिया।
सुगंधदशमी पर्व पर धूप समर्पित कर किया अशुभ कर्मों का दहन
जैन धर्मावलबियों ने दशमी तिथि पर मंगलवार को सुगंधदशमी पर्व मनाया। इस अवसर पर सुगंधदशमी पूजन करने के उपरांत श्रद्धालुओं ने मंदिर के अंदर प्रतिष्ठित अपने अराध्यों की प्रतिमा के समक्ष रखे अग्निकुंड में धूप समर्पित कर अपने अशुभ कर्मों का दहन किया। परंपरागत आयोजित आज के इस अनुष्ठान में जैन समाज की लक्ष्मी जैन, खुशबू जैन, अभिषेक जैन, श्रुति जैन, श्रेया जैन, अशोक कुमार जैन, आकाश जैन, सुलोचना जैन व सोनी जैन सहित समाज के कई अन्य प्रतिनिधियों ने अपनी सक्रिय सहभागिता निभायी।
आत्मानुशासन का बोध कराता है संयम धर्म:- दीपक जैन उत्तम संयम धर्म पर प्रकाश डालते हुये जैन समाज के प्रतिनिधि दीपक जैन ने बताया कि संयम का अर्थ है स्वयं पर नियंत्रण रखना। जिसमें अपनी इच्छाओं, भावनाओं एवं शारीरिक गतिविधियों को नियंत्रित करना शामिल है। यह किसी भी सुख या आनंद देने वाली गतिविधि से स्वैच्छिक रूप से दूर रहने की स्थिति है।
उन्होंने कहा कि संयम एक ऐसा महान गुण है, जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को विकसित कर उसे बेहतर निर्णय लेने के योग्य बनाता है। दीपक जैन ने बताया कि संयम के विभिन्न पहलू हैं, जिनमें शारीरिक संयम के तहत व्यसनों व वासना पर नियंत्रण रखना, मानसिक व भावनात्मक संयम के तहत क्रोध व इच्छाओं पर नियंत्रण रखना एवं आध्यात्मिक संयम के तहत मन व इंद्रियों को वश में रख ध्यान व एकाग्रता का अभ्यास करना शामिल है। उन्होंने कहा कि संयम धर्म आत्मानुशासन का बोध कराता है, जिसके माध्यम से व्यक्ति स्वयं को लक्ष्य के पथ पर अग्रसर करता है।
भईया जी की रिपोर्ट