नवादा : जिले में वैसे भ्रष्टाचार तो हर विभाग में है लेकिन पीडीएस की बहती गंगा में हर कोई हाथ धोने को बेताव है। यही कारण है कि पीडीएस विक्रेता से लेकर लाभुक तक परेशान है। न किसी को जांच की फुर्सत, न कार्रवाई की, सबकुछ भगवान भरोसे। अब मैं आपको पीडीएस में फैले भ्रष्टाचार की एक ऐसी कहानी बता रहा हूं जिसकी आप कल्पना तक नहीं कर सकते। कहानी है मेसकौर प्रखंड की। यहां फर्जी श्रमिक सहयोग समिति के नाम से पहले पीडीएस की अनुज्ञप्ति निर्गत कर दी गयी । जिनके नाम अनुज्ञप्ति निर्गत किया गया विश्वनाथ प्रसाद कंधवे उनकी मौत वर्ष 2020 में हो चुकी है। लेकिन वे आज भी न केवल राशि जमा कर रहे हैं बल्कि खाद्यान्न का उठाव व वितरण कर रहे हैं। जी हां! है न आश्चर्य की बात? लेकिन है सोलहों आने सच।
गंभीर आरोप
यह गंभीर फर्जीवाड़ा और खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2016 की धारा 11 का घोर उल्लंघन है। वैसे आपूर्ति विभाग का कहना है फिलहाल उनकी पत्नी जो सचिव है निशा कुमारी दुकान संचालित कर रही है। अब सबसे बड़ा सवाल मौत के बाद स्वत: अनुज्ञप्ति समाप्त हो जाता है। फिर निशा कुमारी किस आधार पर दुकान संचालित कर रही है? निशा कुमारी के नाम खुद इंडेन गैस एजेंसी है।
जो पहले से ही इंडेन गैस एजेंसी की स्वामिनी हैं, उन्हें संरक्षण प्रदान करते हुए मेस्कौर श्रमिक सहयोग समिति का सचिव बनाया गया और पीडीएस की अनुज्ञप्ति देकर संचालन कराया गया जबकि उनके ही संयुक्त परिवार की सदस्य एवं गोतनी (भाई की पत्नी) अर्चना कुमारी पूर्व से पीडीएस अनुज्ञप्ति धारी है। सचिव से भी इस आपराधिक तथ्य को छुपाया गया और हाईकोर्ट से भी और अभी तक शर्मिंदगी की हद है छुपाते जा रहा है। इस बावत जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने खाद्य सचिव को आवेदन देकर मामले की जांचोपरांत कार्रवाई की मांग की है।
भईया जी की रिपोर्ट