नवादा : पटना उच्च न्यायालय द्वारा पाक्सो ऐक्ट में आजीवन सजा काट रहे पूर्व मंत्री राजवल्लभ समेत सभी छह आरोपियों को दोषमुक्त करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है। दोषमुक्त होने के साथ अब उन्हें चुनाव लड़ने से कोई रोक नहीं सकता। ऐसे में जिले का राजनीतिक तापमान गर्म हो गया है। अब कौन किसको पटकनी देगा इसका इंतजार हर किसी को है। यूं तो हर चुनाव के पूर्व राजनीतिक दलों में दल बदल का सिलसिला चलता ही रहता है। दल बदल का सिलसिला टिकट बंटवारे के बाद ही समाप्त होता है। सो इस बार भी जिले में सिलसिला शुरू हो चुका है। शुरुआत यादवों की दो धुरी से आरंभ हुआ है।
एक धुरी के नेता जो वर्षों तक तीर थाम रखा था इस बार इस बार लालटेन जलाने के लिए तेजस्वी यादव के समक्ष अपने राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
दूसरी ओर दूसरी धुरी के नेता अबतक अपना पत्ता नहीं खोला है। वैसे राजनीति के जानकारों का मानना है कि इससे कोई विशेष फर्क पड़ने वाला नहीं है। पूर्व में भी दोनों नेता दो धुरी के ही सदस्य थे। लेकिन एक म्यान में दो तलवार नहीं रह सकता, वैसे में वे खुद इधर उधर भटकने को मजबूर हैं। लंबे समय तक जनता दल यूनाइटेड में सक्रिय रहे जिले के कद्दावर नेता और कई बार पति-पत्नी विधायक रह चुके कौशल यादव ने अब राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया है। नारदीगंज में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि अब उनके नेता नीतीश कुमार नहीं, बल्कि तेजस्वी यादव हैं।
सम्मेलन में अपने जोशीले भाषण के दौरान कौशल यादव ने कहा था, “मैंने ठान लिया है कि अब तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के हाथों को मजबूत करना है। साल 2025 के विधानसभा चुनाव में नवादा की पांचों सीटें राजद की झोली में डालना मेरा लक्ष्य है.”उन्होंने कहा था कि उन्होंने राजनीति नहीं छोड़ी है, सिर्फ अपने रास्ते बदले हैं. “हमने राजनीति में हमेशा हर समाज को साथ लेकर चलने और उन्हें सम्मान देने की कोशिश की है। अब वक्त है कि नवादा की राजनीति में नई ऊर्जा लाई जाए,”
नवादा में मजबूत होगी आरजेडी
तब राजबल्लभ परिवार पर निशाना साधते हुए कौशल यादव ने संकेत दिया था कि वे नवादा की राजनीति में एक विकल्प के रूप में उभरना चाहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा था कि राजद अब नवादा में मजबूती से उभरेगी और खुद को हर समाज का प्रतिनिधि साबित करेगी। कभी नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले कौशल यादव के इस निर्णय से नवादा की सियासत में खलबली मच गई थी। सोशल मीडिया पर उनके बयान तेजी से वायरल होते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया था।
जेडीयू को बड़ा झटका
कौशल यादव के इस कदम ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि आगामी विधानसभा चुनाव में जिले की लड़ाई बेहद दिलचस्प और टकराव से भरी होने वाली है। उनके इस ऐलान से राजद को नया बल और जदयू को बड़ा झटका माना जा रहा था। साथ ही चुनाव नजदीक आते-आते नेताओं के दल बदल का सिलसिला शुरू हो जाएगा। इससे राजनीतिक समीकरण बदल सकता है। हालांकि, जेडीयू, एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनकर ही चुनावी मैदान में उतरने वाली है। ऐसे में वर्तमान राजद जिलाध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
कौशल-पूर्णिमा के साथ पूर्व जदयू जिलाध्यक्ष सह पूर्व विधान पार्षद सलमान रागिव ने भी भी दल बदल कर राजद का दामन थाम लिया था। तब लोगों को उम्मीद नहीं थी कि राजवल्लभ यादव जेल से बाहर वह भी दोषमुक्त होकर आयेंगे। अब जब वे वापस आ रहे हैं तो चुनावी समीकरण में बड़ा बदलाव आना लगभग तय है। इसके साथ ही कौन किस दल का सारथी बनेगा कौन कहां किसके साथ रहकर किसको पटकनी देगा इसका इंतजार हर किसी को है।
भईया जी की रिपोर्ट