नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड में मनरेगा के तहत निर्मित हो रहे खेल मैदानों में व्याप्त अनियमितताओं ने स्थानीय बच्चों और ग्रामीणों को भारी निराशा में डाल दिया है। खेल मैदानों का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को खेलकूद और शारीरिक गतिविधियों के लिए उचित स्थान उपलब्ध कराना था, लेकिन, अधूरे निर्माण और खराब योजना के कारण यह मैदान अब मवेशियों का चारागाह बन गया है।
इन खेल मैदानों में बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, रनिंग ट्रैक, ऊंची कूद, लंबी कूद जैसी सुविधाएं और स्टोर रूम का निर्माण किया जाना था। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि इन मैदानों से उन्हें सुबह टहलने, बच्चों को खेलने और युवाओं को सेना या पुलिस जैसी सेवाओं की तैयारी करने के लिए उपयुक्त स्थान मिलेगा।
हरदिया और फरका बुजुर्ग पंचायतों में स्थिति बदहाल
हरदिया पंचायत की चिरैला मैदान में पिछले पांच महीनों से खेल मैदान का निर्माण अधूरा पड़ा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह मैदान अब आसपास के मवेशियों के घास चरने की जगह बन गया है, और अर्ध्दनिर्मित होने के कारण स्थानीय लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है।
इसी तरह, फरका बुजुर्ग पंचायत में जॉब जलाशय के किनारे निर्मित मनरेगा खेल मैदान भी आबादी वाले क्षेत्र से काफी दूर बनाया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि खेल मैदान योजना के नाम पर उनके और उनके बच्चों को ठगा गया है।
प्रखंड के अधिकांश खेल मैदानों का यही हाल है। कई मैदानों में तो स्टोर रूम का निर्माण तक नहीं करवाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर निर्माण में सुविधाओं और स्थान का ध्यान रखा जाता, तो इन मैदानों में बच्चे अपना भविष्य संवार रहे होते और ग्रामीण अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दे रहे होते, बजाय इसके कि मवेशी वहां घास चरते दिखें।
कहते हैं बीडीओ
इस बावत प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव झा ने बताया कि खेल मैदान मनरेगा से निर्मित है और मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों से बात कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। मनरेगा पीओ नीरज कुमार त्रिवेदी फिलहाल बाहर होने का हवाला दे मोबाइल काट दिया।
भईया जी की रिपोर्ट