नवादा : जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने वाली खबर सामने आई है। स्वास्थ्य सुविधा से ग्रामीण कितने महरूम है। इसकी बानगी ये घटना है। नगर के मोती बीघा के रहने वाले अजय पासवान की पत्नी सिंपी देवी ने चलती ई-रिक्शा में बच्चे को जन्म दे दिया। घटना उस समय हुई जब ई-रिक्शा पर बैठकर महिला आ रही थी तब, इस दर्दनाक स्थिति ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर दिया, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों को भी उजागर कर दिया।
रिक्शा में बच्चे का जन्म
सिंपी देवी को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई। मजबूरी में देवर ने उन्हें ई-रिक्शा पर बैठा के सदर अस्पताल की ओर रवाना किया,लेकिन अस्पताल से महज 1 किलोमीटर पहले, चलती ई-रिक्शा में ही सिंपी देवी ने बच्चे को जन्म दे दिया। बारिश के मौसम में, दर्द से कराहती मां और रोते हुए नवजात की स्थिति ने वहां मौजूद लोगों के दिल को पिघला दिया। संजय पासवान ने बताया अचानक भाभी को दर्द शुरू हुआ। एंबुलेंस बुलाने का समय नहीं था। किसी तरह ई-रिक्शा पर लेकर चले, लेकिन रास्ते में ही बच्चे का जन्म हो गया।
नहीं मिली सुविधा
बच्चा लगातार रो रहा था, फिर भी अस्पताल पहुंचे और भर्ती कराया। इस दौरान सिंपी देवी दर्द से छटपटाती रही, लेकिन परिवार और ई-रिक्शा चालक की तत्परता से जच्चा-बच्चा को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया। सदर अस्पताल की डॉ. ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों अब स्वस्थ हैं, लेकिन रास्ते में प्रसव बेहद जोखिम भरा और दर्दनाक था। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। स्थानीय लोग मां और नवजात की हालत देखकर स्तब्ध रह गये।
घंटेभर तक नहीं आई 108, ई-रिक्शे पर प्रसव,लोगों ने दिखाई हिम्मत
यह घटना न केवल एक मां की हिम्मत और परिवार की सूझबूझ को दर्शाती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर भी सवाल उठाती है। लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं व्यवस्था की नाकामी का जीता-जागता सबूत हैं। एंबुलेंस को फोन करने में लगभग 15 से 20 मिनट बीत जाता है तब एंबुलेंस को फोन लगता है इसलिए परिवार के सदस्य ने सरकारी एंबुलेंस को फोन नहीं किया।
भईया जी की रिपोर्ट