नवादा : वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य सरकार के चौथे कृषि रोडमैप के अंतर्गत खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के तहत न्यूट्री सीरियल योजना के माध्यम से खरीफ सीजन में जिले में मोटे अनाज यानी मिलेट्स की खेती होगी। इस योजना के तहत लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। जिले में 3249 एकड़ भूमि पर मिलेट्स की खेती होगी। उल्लेखनीय है कि बिहार के सभी जिलों में 82,500 एकड़ भूमि पर मोटे अनाज की समूह खेती के प्रत्यक्षण का लक्ष्य तय किया गया है। इस योजना के अंतर्गत ज्वार, बाजरा, रागी और चीना की खेती कराई जाएगी। खेती के लिए किसानों को बीज और आवश्यक कीटनाशक सहित समस्त सामग्री शत-प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराई जाएगी।
साथ ही, फसल अवधि के दौरान किसानों को दो हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। कृषि विभाग चयनित खेतों की मिट्टी की जांच कर किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड भी उपलब्ध कराएगा। साथ ही, योजना के क्रियान्वयन को लेकर किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इच्छुक किसानों को मिलेगा अनुदानित बीज प्रत्यक्षण कार्यक्रम के अलावा जो किसान स्वयं भी मोटे अनाज की खेती करना चाहते हैं, उन्हें भी कृषि विभाग द्वारा अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध करायेगा।
इसमें दो श्रेणियां हैं। संकर बीज वितरण योजना के तहत ज्वार 32 क्विंटल और बाजरा 45 क्विंटल वितरित किए जाएंगे। प्रमाणित बीज वितरण योजना के तहत रागी (मड़ुआ) का 10 वर्ष से कम आयु के प्रभेद के 38 क्विंटल जबकि 10 वर्ष से अधिक आयु के प्रभेद के 30 क्विंटल बीज वितरण की योजना है। इन बीजों की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। अनुदानित बीज प्राप्त करने के लिए किसानों को कृषि विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना अनिवार्य है। फिलहाल पोर्टल खुला हुआ है।
पोषक तत्व प्रबंधन व पौधा संरक्षण पर मिलेगा अनुदान:
मोटे अनाज की खेती को सफल बनाने के लिए पोषक तत्व प्रबंधन, मृदा सुधार, जैव कीटनाशकों, पौधा संरक्षण रसायनों और खरपतवार नाशकों के लिए भी किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। किसानों को प्रति हेक्टेयर लगभग 2,500 रुपये का अनुदान मिलेगा।
कम बारिश में भी फायदेमंद, स्वास्थ्य के लिए उपयोगी
जिले में अक्सर अल्पवर्षा की स्थिति बनी रहती है। धान की रोपनी में इस कारण कई बार बाधा आती रहती है। ऐसी स्थिति में मोटे अनाज की खेती किसानों के लिए एक सशक्त विकल्प बनकर सामने उभरी है। ये फसलें कम पानी में भी अच्छी उपज देती हैं।स्वास्थ्य की दृष्टि से भी मोटे अनाज की महत्ता तेजी से बढ़ी है। इनमें उच्च प्रोटीन, जटिल कार्बोहाइड्रेट और फाइबर पाया जाता है। इनका सेवन मधुमेह, रक्तचाप और हृदय रोगों के नियंत्रण में सहायक है। चिकित्सकों की राय में ये अनाज वजन नियंत्रण में भी मददगार हैं। वैश्विक बाजार में भी इनकी मांग में तेजी आई है।
कहते हैं अधिकारी
जिले में मोटे अनाज की समूह खेती के लिए किसानों और गांवों का चयन किया जा रहा है। इच्छुक किसान 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज प्राप्त करने के लिए कृषि पोर्टल पर आवेदन करें। -अजीत प्रकाश, जिला कृषि पदाधिकारी, नवादा: मोटे अनाज के समूह प्रत्यक्षण का लक्ष्य (एकड़ में) :-ज्वार 386 बाजरा 208 रागी 2055 चीना 600 कुल 3249 :
भईया जी की रिपोर्ट