नवादा : सावन की पहली सोमवारी हर ओर हर-हर महादेव का जयघोष हाथों में जल कलश, मन में श्रद्धा और माथे पर भक्ति की चमक लिए जब भक्त गोवर्द्वन मंदिर की ओर बढ़े, तो उन्हें विश्वास था कि भोलेनाथ के दरबार में पहुंचते ही सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी, लेकिन मंदिर तक की राह ने उनकी आस्था की अग्निपरीक्षा ले ली। नगर का ऐतिहासिक गोवर्द्वन मंदिर सावन के पावन माह में श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहता है।
मंदिर तक पहुंचने के चार प्रमुख रास्ते हैं
जेल रोड, पोस्टमार्टम रोड, और नवीन नगर की दो गलियां,भारी बारिश के बाद दलदल में तब्दील हो चुकी है। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, कीचड़ और कचरे का अंबार है और जगह-जगह गड्ढों ने भक्तों की मुश्किलें दोगुनी कर दी हैं। हरिशचंद्र स्टेडियम से सटी सड़क की हालत बहुत खराब है। इन मार्गों के लिए टेंडर तो स्वीकृत हो चुका है लेकिन कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ। भीगते वस्त्रों और गंदे पांवों के साथ मंदिर पहुंचे भक्तों का आक्रोश उनकी आंखों में साफ दिख रहा था।
पूजा करने पहुंचे धर्मेंद्र कुमार सिंह, मुन्ना कुमार, स्वीटी कुमारी, अनीता सिंह सहित कई श्रद्धालुओं ने बताया कि घर से पवित्र भाव से निकले थे लेकिन रास्ते की बदबू, गंदगी और जलजमाव ने मन को विचलित कर दिया। शिवभक्तों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे पावन अवसर पर कम से कम मंदिर मार्गों को साफ-सुथरा और सुगम बनाया जाए, ताकि आस्था की यह यात्रा श्रद्धा से भरी रहे- संत्रास से नहीं। यही स्थिति कमोबेश साहब कोठी शिव मंदिर जाने वाले रास्ते की भी है।
भईया जी की रिपोर्ट