नवादा : मजलिस उलेमा वल-उम्मा के कराये गये चुनाव में अध्यक्ष मौलाना अजमल कादरी, महासचिव अरशद सरदार को निर्वाचित घोषित किया गया। चुनाव मतपत्र के माध्यम से कराया गया। कारी अनवर जकी को सर्वसम्मति से कोषाध्यक्ष बनाया गया। मजलिस उलेमा वल-उम अम्मा जिला के कार्यालय सचिव मुफ्ती इनायतुल्लाह कासमी ने बताया कि मजलिस उलेमा वल-उमा जिला की सत्रहवीं वार्षिक चुनावी बैठक नगर के होटल सरदार गार्डन अंसार नगर में मौलाना व मास्टर वसी अहमद सलाफी की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में जिले के अधिकांश प्रखंडों से बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी व विद्वान शामिल हुए। मजलिस-ए-उलेमा के चुनाव प्रभारी फैयाज अहमद सरफराज एडवोकेट ने चुनाव संपन्न कराया। चुनाव एक साल के मीक़ात मुहर्रम 1447 हिजरी से ज़िलहिज्जा 1447 हिजरी तक के लिए है।
अबू सालेह नदवी रोह, मौलाना जहांगीर आलम कादरी, मुफ्ती सबाउद्दीन फलाही, मौलाना वसी अहमद सलाफी, सैयद अब्बास हुसैन, हाजी जुबैर आलम, सैयद इरशाद बल्खी, हशमत खान, प्रोफेसर अतीक अहमद, निहाल साबरी को उपाध्यक्ष बनाया गया। हसीब खान, शोएब रजा, जावेद अख्तर, मास्टर जाहिद, इम्तियाज आलम, फिरदौस खान, नौशाद आलम, सदरुल इस्लाम, नसीम बड़े बाबू, अब्दुल्ला आजम को सहायक सचिव बनाया गया जबकि हाफिज फजलुल हक इब्न मौलाना शफकत फतेह कासमी, मौलाना सैयद अरशद अफजाली, मुबारक हुसैन, फखर आलम, खालिद उजैर कैफी, जावेद इकबाल दामरी, रकीब खान एडवोकेट, महफूज आलम बारी दरगाह, साजिद हुसैन अमनवान सहायक, मास्टर हाजी इफ्तिखार चुने गए।
मौलाना वसी अहमद सलफी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि जिले के सभी विचारधाराओं का संयुक्त मंच नेकनीयती का संगठन है। इसका गठन 2009 में इस्लामिक मूवमेंट ऑफ पाकिस्तान (आईएमपी) के तत्वावधान में किया गया था, और इसे सौभाग्य से 16 वर्षों तक चलाना कोई आसान काम नहीं है। इसने 16 साल पूरे कर लिए हैं, जबकि 1400 साल पहले पैगंबर मुहम्मद (PBUH) ने मदीना में संयुक्त राष्ट्र की नींव रखी थी इसलिए जिले के हर मुसलमान को इस संगठन से जुड़कर जिले के कल्याण कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए, आर्थिक सहयोग देना चाहिए, राय और सुझाव देने चाहिए, अपना समय देना चाहिए और इस मंच से बुलाए जाने वाले किसी भी अच्छे और जायज काम का जवाब देने के लिए तैयार रहना चाहिए तभी जिले के मुसलमानों का कल्याण और भलाई संभव है।
मौलाना जहाँगीर आलम कादरी ने संगठन की महत्ता और उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुसलमानों को हर जिले में ऐसा संगठन बनाना चाहिए और हर ब्लॉक, हर पंचायत और हर गाँव को जिला केंद्र से जोड़ना चाहिए और अपनी समस्याओं के समाधान के लिए स्वयं तत्परता दिखानी चाहिए। हमारे लिए दिन-प्रतिदिन उत्पन्न हो रही समस्याओं का कोई और समाधान नहीं है। हमें एकजुट होकर इन समस्याओं का समाधान स्वयं करना होगा। संगठन किसी एक व्यक्ति का नाम नहीं बल्कि एक समूह का नाम है। दारुल उलूम फरीदिया रोह के सदर मौलाना अबू सालेह नदवी ने मजलिस उलेमा का विस्तृत परिचय देते हुए कहा कि इस संगठन ने विभिन्न मोर्चों पर काम करके कई गरीब और कमजोर लोगों की समस्याओं का समाधान किया है और जिले के लोगों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुँचाने में सबसे आगे है।
इसी तरह जिले के जिस भी गांव में गैर मुस्लिम दुष्ट तत्वों द्वारा अन्याय और दुर्व्यवहार किया गया है। मजलिस उलेमा का एक प्रतिनिधिमंडल वहां जाकर न्याय दिलाने और कानूनी सहायता प्रदान करने का काम किया है। जावेद अख्तर ने वर्ष का वित्तीय रिपोर्ट पेश किया जबकि मुफ्ती इनायतुल्लाह कासमी ने विभागों और दारुल कजा अमीरात शरिया बिहार, उड़ीसा और झारखंड नवादा शाखा का रिपोर्ट पेश किया।
मौलाना नौशाद जुबैर कासमी ने प्रबंधन के कर्तव्यों को बखूबी निभाया। मौलाना अजमल कादरी, शौकत रशीदी, शोएब रजा, गुलाम मुस्तफा उर्फ मेहताब आलम, श्री अजमल नरहट, मास्टर शकील संयोजक शिक्षक मंच, सैयद इरशाद बल्खी, डॉ अब्दुल वाहिद, जहीर अनवर राहीबी, निहाल साबरी, मास्टर रजा तस्लीम पचंबा, मास्टर अली इमाम सचिव बसोटा आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किए और अपने विचार व्यक्त किए।
मौके पर जनाब हाजी यूनुस जान, हाजी मास्टर लईक अहमद, जनाब हाजी इफ्तिखार, जनाब खालिद सैफुल्लाह अनु, जनाब हाजी इमरान मिर्दा टोली, जनाब जियाउल हक, मास्टर जमशेद मेहदी, डॉ. जावेद मुगल खार, प्रोफेसर शमशाद अली नजरी, हाजी सनाउल्लाह दमरी, आरिफ खान तकिया, हाफिज साजिद, हाफिज नसीमुद्दीन ब्लाइंड मुहम्मद नसीम बड़े बाबू, साजिद हुसैन अमावां आदि मौजूद रहे।
भईया जी की रिपोर्ट