नवादा : पूर्व मंत्री राजवल्लभ परिवार के विरुद्ध तेजस्वी यादव के बयान के बाद नवादा विधायक विभा देवी ने पूर्व घोषणा के अनुसार रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को दूसरा सवाल प्रेषित कर दिया। पूछा गया है कि सन 1990 में जब लालू प्रसाद मुख्यमंत्री बने थे तो उस समय आप कहाँ थे और प्रदेश की सियासत के संबंध में आपको क्या जानकारी है ? इस सवाल को विस्तार देते हुए विभा देवी ने स्पष्ट किया कि 1990 में लालू जी के मुख्यमंत्री बनने से पूर्व स्व कृष्णा प्रसाद बीजेपी से विधायक बन चुके थे। उस चुनाव में कौशल जी भी स्व कृष्णा प्रसाद के खिलाफ चुनाव लड़े थे और जमानत भी नहीं बचा पाये थे।
पत्र में कहा गया है कि तेजस्वी जी बार बार वक्तव्य देते हैं कि पार्टी और मेरे पिता ने राजबल्लभ परिवार को उम्मीद से ज्यादा दिया जो बिलकुल निराधार और सत्य से परे है। सवाल से पूर्व उन्होंने जनवितरण प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए लिखा है कि मैंने शपथ ग्रहण के बाद से ही विभिन्न सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रभावी आंदोलन चलाया। यहां तक कि समाहरणालय द्वार पर आमरण अनशन शुरू किया किन्तु आपने सरकार के साथ उपमुख्यमंत्री रहते हुए इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया।
अपने विरोधी कौशल यादव, उनकी धर्मपत्नी पूर्णिमा यादव और उनके सिपहसलार विनय यादव पर भी जमकर हमला किया गया। आरोप लगाया गया है कि विनय यादव एसडीओ आवास पर रात दिन जमे रहते हैं और जनवितरण में लूट खसोट का स्क्रिप्ट तैयार करते हैं । यहीं से भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने के नाम पर 50 लाख रूपये प्रति माह नजराना वसूला जाता है और तेजस्वी जी के नवादा वाले नए रिश्तेदार को पहुँचाया जाता है।
सन 2005 के चुनाव में पूर्णिमा यादव की कुल संपत्ति 56 लाख थी जो दस वर्षो में बढ़कर 56 करोड़ हो गई। इसकी जांच सीबीआई, ईडी या आर्थिक अपराध इकाई से कराने की मांग की है। पत्र में तेजस्वी यादव से मांग की गई है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन 400 से 1500 तक करने, युवा आयोग का गठन और माइ-बहन योजना की घोषणा के साथ जनवितरण प्रणाली से भ्रष्टाचार ख़त्म करने की घोषणा भी कर दें ताकि प्रदेश के करोड़ों गरीब परिवार को लाभ मिल सके।
भईया जी की रिपोर्ट