नवादा : चक्का जाम कराने निकले महागठबंधन के नेता अपने ही जाल में फंस गये। ऐसी भी बात नहीं कि चक्का जाम का किसी ने विरोध किया। व्यावसायियों ने तो दुकान का शटर तक नहीं उठाया, वाहन स्वामियों ने भी वाहन चलाने में रुचि नहीं दिखाई। प्रशासन भी इंतजार करता रह गया। महागठबंधन के नेता झंडा – बैनर के साथ सड़कों पर उतरे। केन्द्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की तथा सड़कों पर बैठकर धरना भी दिया। भले ही राजद के एक भी विधायक कहीं नजर न आये हों लेकिन कुछ देर के लिए ही सही चक्का जाम सफल रहा।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल महागठबंधन के लिए तब सामने आया जब प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का नवादा में होने वाले जनसभा में भीड़ जुटाने की चुनौती आ गयी। ऐसे में उनके सामने खुद चक्का जाम वापस लेने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं रह गया था। ऐसे में सिर्फ चक्का जाम की औपचारिकता पूरी कर उन्हें वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ा। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि महागठबंधन के नेता खुद अपनी ही बुने जाल में फंसे रहे। ऐसे में चक्का जाम सफल या विफल कह पाना मुश्किल हो गया।
भईया जी की रिपोर्ट