नवादा लोकसभा में पहले चरण 19 अप्रैल को होगा मतदान
नवादा : भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी के अनुसार नवादा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में पहले चरण में मतदान होना है। इसको लेकर समाहरणालय सभागार में डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी आशुतोष कुमार वर्मा ने प्रेसवार्ता का आयोजन कर कहा कि नवादा लोकसभा में पहले चरण में मतदान किया जाना है, इसको लेकर प्रशासनिक तैयारी तेज कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि पहले चरण 19 अप्रैल को नवादा लोकसभा में मतदान कराया जाना है, जिसमें 17 लाख 69 हजार 796 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि महिला मतदाताओं की संख्या- 8 लाख 49 हजार 457 व पुरूष मतदाताओं की संख्या- 9 लाख 20 हजार 190 है। वहीं थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या- 149 है।
उन्होंने बताया कि 18 से 19 वर्ष आयु के नये मतदाताओं की संख्या- 18 हजार 215 है। जबकि 20 से 29 वर्ष आयु के मतदाताओं की संख्या- 3 लाख 45 हजार 192 है। इसके अलावा 3548 सर्विस वोटर हैं। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि 20 मार्च 2024 से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी जो 28 मार्च को समाप्त होगी।नामांकन की समीक्षा 30 मार्च को, उम्मीदवारों की नाम वापसी का अंतिम तिथि 2 अप्रैल निर्धारित है।
उन्होंने बताया कि 19 अप्रैल को मतदान होना है और 4 जून 2024 को मतगणना की तिथि निर्धारित है। जिले में मतगणना केंद्र केएलएस कॉलेज को बनाया गया है। बता दें कि नवादा लोकसभा संसदीय क्षेत्र में 6 विधानसभा आता है, जिसमें 235 रजौली, 236 हिसुआ, 237 नवादा, 238 गोविंदपुर, 239 वारिसलीगंज तथा 170 बरबीघा विधानसभा शामिल है।
लागू कर दिया गया धारा:-144
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि अधिसूचना जारी होते ही नवादा लोकसभा क्षेत्र में शनिवार की शाम से ही धारा- 144 लागू हो गया है। इसके अंतर्गत भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता में वर्णित किसी भी अपराध करने तथा शांति भंग करने के उद्देश्य से पांच या उससे अधिक व्यक्ति किसी भी स्थान पर एकत्रित नहीं होंगें। यह आदेश पूर्व अनुमति प्राप्त सभा/जुलूस या शादी/बारात पार्टी/शव-यात्रा/हाट बाजार/कर्त्तव्य पर तैनात सरकारी कर्मचारी एवं पुलिस बल पर लागू नहीं होगा।
कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र, तीर-धनुष, लाठी, भाला, गंड़ासा, ईंट-पत्थर एवं मानव शरीर के लिए घातक कोई भी हथियार प्रदर्शन नहीं करेंगे। यह आदेश परम्परागत ढंग से शस्त्र धारण करने वाले समुदाय पर विधि-व्यवस्था एवं निर्वाचन कर्त्तव्य पर लगे दंडाधिकारी/निर्वाचन कर्मियों और पुलिस कर्मियों पर लागू नहीं होगा। यह आदेश जिला दंडाधिकारी द्वारा लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के अवसर पर निर्गत किए जाने वाले आदेश पर निर्दिष्ट तिथि को निर्दिष्ट स्थान पर शस्त्र अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा शस्त्र निरीक्षण कराने एवं शस्त्र जमा करने के लिए शस्त्र ले जाने वाले अनुज्ञप्तिधारियों पर शिथिल रहेगा।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई उत्तेजक नारा नहीं लगायेंगे तथा ऐसा कोई आपत्तिजनक आचरण नहीं करेंगे जो आदर्श आचार संहिता के प्रतिकूल हो। किसी प्रकार का पोस्टर, पर्चा, आलेख तथा फोटो आदि अथवा किसी व्यक्ति विशेष के विरूद्ध अपमानजनक पर्चा, आलेख, फोटो आदि का प्रकाशन नहीं करेंगे या नहीं चिपकायेंगे या नहीं लिखेंगे, जिससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो।
उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी धार्मिक स्थल का उपयोग राजनीतिक प्रचार के लिए नहीं करेंगे एवं धार्मिक आयोजन से साम्प्रदायिक भावना को राजनीतिक हित के लिए नहीं उभारेंगे तथा न ही भड़कायेंगे। कोई भी व्यक्ति मतदाताओं को डराने, धमकाने एवं किसी भी प्रलोभन में लाने का कार्य नहीं करेंगे। किसी भी प्रकार के सभा, जुलूस, धरना या प्रदर्शन तथा ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग बिना सक्षम पदाधिकारी की पुर्वानुमति के आयोजित नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा निरूपित आदर्श आचार संहिता के कोई प्रावधान का उल्लंघन नहीं करेंगे। मतदाता वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों से भी डाल सकेंगे वोट भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोक सभा आम निर्वाचन 2024 के लिए सभी निर्वाचक जिन्हें निर्वाचक फोटो पहचान पत्र जारी किया गया हैं, मतदान स्थल पर अपना मत डालने से पहले अपनी पहचान सुनिश्चित करने के लिए अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र दिखाने का प्रावधान किया गया है।
निर्वाचक जो अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए प्रावधान भी किया गया है।
जिसमें पासपोर्ट, ड्राईविंग लाईसेन्स, राज्य व केन्द्र सरकार के लोक उपक्रम, पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, बैंकों व डाकघरों द्वारा जारी की गई फोटोयुक्त पासबुक, पैन कार्ड, एनपीआर के अन्तर्गत आरजीआई द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, सांसदों, विधायकों व विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र, आधार कार्ड तथा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी दिव्यांगजनों के लिए विशिष्ट पहचान पत्र (यूडीआईडी कार्ड) के माध्यम से मतदान कर सकेंगे।
लोकसभा चुनाव व होली को ले पुलिस कर रही एरिया डोमिनेशन
नवादा : लोकसभा आम चुनाव 2024 व होली त्योहार को ले जिला प्रशासन व पुलिस ने पूरी तरह से कमर कस ली है। चुनाव को निष्पक्ष, भयमुक्त व होली पर्व को शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन की कार्रवाई तेज हो गई है।
भारत निर्वाचन आयोग के आदेश को अक्षरशः पालन करने के लिए तत्पर दिख रही है। चुनाव संपन्न कराने को लेकर अपराधियों के विरूद्ध लगातार सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है, जिसका परिणाम भी सामने आ रहा है। पिछले दो माह में लगातार पुलिस प्रशासन द्वारा लोकसभा चुनाव को लेकर चलायी जा रही छापेमारी अभियान में कई बड़ी सफलताएं हाथ लग चुकी है, इसमें एक दर्जन से अधिक फरार अपराधियों की गिरफ्तारी की गई साथ ही लोगों का नाम सीसीए-3 के लिए भेजने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
इसके अलावा वाहनों की सघन जांच की जा रही है। जिले के वारिसलीगंज थानाध्यक्ष रूपेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में थाना क्षेत्र के साम्बे तथा रसनपुर सहित दर्जनों गांव में एरिया डोमिनेशन कर लोकसभा चुनाव तथा होली त्योहार को शांतिपूर्ण, भयमुक्त तथा निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराने का संदेश दिया। थानाध्यक्ष श्री सिन्हा ने कहा कि लोकसभा चुनाव तथा होली पर्व को निष्पक्ष, भयमुक्त व शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए सुरक्षा की ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा।
चुनाव के दिन प्रखंड क्षेत्र के मतदान केन्द्रों के चप्पे-चप्पे पर केन्द्रीय अर्धसैनिक बलोें की तैनाती की जायेगी। इसके अलावा चुनाव के पूर्व से ही पुलिस एरिया डोमिनेशन तथा लौंग रेंज पेट्रोलिंग कर रही है। उन्होंने बताया कि 15 मार्च 2024 तक थाना क्षेत्र के 718 लोगों के विरूद्ध 107 की कार्रवाई की गई है तथा 5 लोगों का नाम सीसीए के लिए अनुशंसा किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 307 लोगों ने बॉंड डाउन किया है।
शहर से ज्यादा स्वच्छ दिखेगा दोसुत पंचायत, स्वच्छता अभियान का डीडीसी ने किया शुभारम्भ
नवादा : जिले के शहरी क्षेत्रों से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र को स्वच्छ बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के वारिसलीगंज प्रखंड अंतर्गत दोसुत गांव में स्वच्छता को लेकर डीडीसी ने कचरा संग्रहण केंद्र का शिलान्यास किया। दोसुत पंचायत के हर वार्डों में कचरा संग्रह करने के लिए ठेला व कूड़ेदान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
बताया गया कि दोसुत पंचायत में कुल 13 वार्ड हैं, जहां से कचरा संग्रह कर उसे केंद्र तक लाया जायेगा, जहां किसानों के लिए जैविक खाद तैयार किया जायेगा। इस व्यवस्था से ग्रामीणों को उनके खेतों की मृदा शक्ति मिलेगी और रसायनिक खाद से निजात भी मिलेगा। पंचायत के किसानों को जैविक खाद के माध्यम से शुद्ध अनाज पैदा करने का यह बेहतर विकल्प दिया गया है। डीडीसी ने कहा कि स्वच्छता अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है, इसके लिए कई संस्थाएं काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यहां के वार्डों से जो भी कचरा संग्रह होगा उससे जैविक खाद तैयार कर किसानों को दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता हर इंसान के लिए जरूरी है। इस पंचायत में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान में हर लोग सहयोग करें। उन्होंने लोगों की सराहना करते हुए कहा कि आप लोग यह सबसे नेक काम करने का निर्णय लिया है, जो सराहनीय है। सफाई कर्मियों को आप लोग सहयोग करें, इससे घर भी साफ रहेगा और गांव भी साफ रहेगा। इसके माध्यम से राजस्व भी प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इस स्वच्छता अभियान से कई लोगों को रोजगार मिलेगा और साफ-सफाई भी बेहतर होगी।
मंच संचालन कर रहे स्थानीय निवासी व रविकांत पूनम डीएड कॉलेज के सचिव अजय कुमार रविकांत ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत करते हुए अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि इस पंचायत में स्वच्छता का बड़ा अभियान शुरू किया गया है, जो मुखिया सुलेखा देवी का सराहनीय योगदान रहा है। इसके अलावा जिला पार्षद गीता देवी के द्वारा सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए स्थल का शिलान्यास समाजसेवी श्रवण सिंह के द्वारा किया गया।
मौके के पर बीडीओ पंकज कुमार, मनरेगा पीओ पंकज कुमार, सरपंच फूलकुमारी दास तथा आर्यन प्रधान सहित सैंकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। दूसरी ओर डीडीसी ने उज्जवला योजना के तहत चार महिलाओं को लाभान्वित किया, जिसमें बाबूलाल मांझी की पत्नी पिंकी देवी, जितेन्द्र रजक की पत्नी रीना देवी, लूटन चौधरी की पत्नी रामरति देवी तथा भुनेश्वर रविदास की पत्नी उर्मीला देवी शामिल हैं।
प्रतिभा किसी का मोहताज नहीं, ग्रामीण परिवेश के दस छात्रों ने सैनिक स्कूल प्रवेश प्रतियोगिता में मारी बाजी
नवादा : शिक्षा बड़े नगरों की बपौती नहीं हो सकती। बशर्ते कि ग्रामीण क्षेत्रों में मेहनत करने वाला शिक्षक हो। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभा की कमी नहीं है, बशर्ते उसे तराशने वाला हो। इसे सत्य कर दिखाया है जिले के अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र के बलिया बुजुर्ग गांव में संचालित निजी तेज क्लासेज कंसेप्ट विद्यालय के शिक्षकों ने।
विद्यालय के दर्जन भर ग्रामीण क्षेत्रों के पढ़ने वाले छात्रों ने सैनिक स्कूल प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लिया। इनमें से दस छात्रों सागर सुमन,मनीष कुमार, आलोक राज, इशांत गुप्ता,रविकान्त कुमार, अमीत कुमार,रौशन कुमार आदि ने सफलता प्राप्त कर विद्यालय व शिक्षकों के आत्मविश्वास को बढ़ावा दिया है।
ऐसा करने वाला जिले के ग्रामीण परिवेश का पहला विद्यालय है। ऐसा होने से ग्रामीण क्षेत्रों के अभिभावकों में भारी खुशी देखी जा रही है। प्रगतिशील किसान बलराम यादव, श्याम सुंदर प्रसाद, बृजनन्दन प्रसाद, विजय प्रसाद आदि ने सफलता के लिए संचालक, प्राचार्य व शिक्षकों को बधाई देते हुए सफल छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
बरामद युवती के शव की हुई पहचान, परिजन संदेह के घेरे में
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली थाना क्षेत्र के धमनी पंचायत बुढ़िया खाख जंगल से शनिवार देर शाम बरामद युवती के शव की पहचान कर ली गयी है। पहचान के साथ ही शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है।
बरामद शव की पहचान धमनी गांव के कारु राम की पुत्री अमृता कुमारी के रूप में की गयी है। शव बरामद होने के साथ परिजन संदेह के घेरे में है। मृतका ने आत्महत्या की या फिर परिजनों ने हत्या कर शव को पेड़ से लटका आत्महत्या का रुप दिया इसका खुलासा अबतक नहीं हो सका है।
ग्रामीण सूत्रों के अनुसार मृतका का अबैध संबंध गांव के ही युवक से था। परिजनों को यह संबंध स्वीकार नहीं था। ऐसे में शव का बरामद होना कई संदेहों को जन्म दे रहा है। आश्चर्य तो यह कि परिजनों ने पुत्री की न तो गुमशुदगी की सूचना पुलिस को दी न ही हत्या का संदेह किसी पर व्यक्त कर रहा है। बहरहाल पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। वैसे पुलिस ने चौबीस घंटे के अंदर दोनों बरामद अज्ञात शवों की पहचान करा परिजनों को सौंप अपने कर्तव्य की फिलहाल इति श्री कर ली है।
जिला प्रशासन ने चलाया अतिक्रमण हटाओ अभियान, अस्थाई रूप से सभी दुकानों को हटाया
नवादा : नगर के विभिन्न इलाकों में जिला प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। जेसीबी से अस्थाई रूप से सभी दुकान को हटाया गया। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी व जवानाें के साथ शहर के इलाके में सड़क किनारे से फुटपाथी दुकानदारों को हटाने की सख्त चेतावनी दी गई। जिले के प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस जवानों को देखकर सड़क किनारे ठेला लगाकर फल, गोलगप्पा, चाट, चाउमिन, कपड़ा समेत अन्य सामग्री बेचने वाले फुटपाथी दुकानदार भागने लगे।
फुटपाथी दुकानदारों को सड़क किनारे से दुकान हटाने की सख्त हिदायत दी गई। स्थायी दुकानदारों को भी दुकान के बाहर सामान नहीं रखने की हिदायत दी। अभियान में नगर थाना प्रभारी अविनाश कुमार, ट्रैफिक इंचार्ज एसआइ विजय कुमार समेत पुलिस पदाधिकारी व जवान शामिल थे। फुटपाथियों को सख्त हिदायत दी गई कि सड़क के किनारे दुकान लगाने वालों विरुद्ध कानूनी कारवाई की जाएगी।
केंदुआ में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन
नवादा : नगर के केंदुआ में सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। आयोजनकर्ता वार्ड 1 के पार्षद पति कुंदन सिंह ने बताया कि शहर के बीच में इतने बड़े स्तर का भागवत कथा का पहली बार आयोजन हो रहा है। उन्होंने आम लोगों के साथ विशेष रूप से महिलाओं से कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की। बताया कि श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मन का शुद्धिकरण होता है और जीवन में शांति बनी रहती है।
यजमान के रूप में वार्ड 1 की पार्षद अनीता देवी द्वारा सपरिवार श्रीमद्भागवत कथा श्रवण किया जा रहा है। केंदुआ गांव में भव्य श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का कार्यक्रम 17 मार्च दिन रविवार से शुरू हुआ एवं समापन व पूर्णाहुति 23 मार्च शनिवार संध्या 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक होना है। कथा व्यास के रूप में वृंदावन से पधारे व्यास देवकी नन्दन भारद्वाज जी महाराज द्वारा कथा सुनाई जाएगी।
वृंदावन से पधारे व्यास देवकी नन्दन भारद्वाज जी
जी महाराज ने बताया कि प्रत्येक दशा में भगवान की कृपा का दर्शन करना, प्रारब्ध को अच्छी तरह से भोगना क्योंकि प्रारंभ ही किए गए कर्मों का फल होता है, हम जैसा कर्म करते हैं वैसा ही फल मिलता है और जिस तरह का कर्म करेंगे उसी तरह से भविष्य में उसका फल प्राप्त होग। उन्होंने कहा भगवान को प्रतिदिन प्रणाम करना जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए हितकर है। भागवत शब्द इतना गूढ़ और रहस्यमयी शब्द है कि इसके उच्चारण मात्र से भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग का स्मरण हो जाता है।
चार दिनों से लापता युवक का रेलवे ट्रैक के किनारे क्षतविक्षत अवस्था में मिला शव, फैली सनसनी, जांच में जुटी पुलिस
नवादा : नगर थाना क्षेत्र के कन्हया नगर मुहल्ले से चार दिनों से रहस्यमय तरीके से लापता छात्र का क्षत विक्षत शव रेलवे ट्रैक के पास से पुलिस ने बरामद किया है। शव बरामदगी की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक थाली थाना क्षेत्र के एकतारा गांव निवासी यमुना पासवान का पुत्र सचिन कुमार शहर के कन्हाई नगर मोहल्ले में एक किराए के मकान में रहकर नवोदय विद्यालय की पढ़ाई कर रहा था।
13.03.2024 को वह गोवर्धन मंदिर के लिये निकला था। तब से वह लापता था। परिजनों उसके लापता होने की थाना में की रपट दर्ज करायी थी। पुलिस ने क्षत विक्षत अवस्था में शव को अतौआ नथनपूरा गांव से सटे रेलवे ट्रैक के समीप से बरामद किया है। शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया।
जंगल व झुंड से भटके हाथी फुलवरिया जलाशय के पास जमाया डेरा
नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र में झारखंड के रास्तों बिहार में प्रवेश करने वाले झुंड से बिछङे हाथी की सूचना पर लोगों में अब भी दहशत व्याप्त है। हालांकि किसी के हताहत होने या नुकसान होने की सूचना अभी तक नहीं मिली है।
बीते दो दिनों से डीएफओ संजीव रंजन, प्रशिक्षु डीएफओ कृष्ण कुमार श्रेष्ठ, रेंजर मनोज कुमार, प्रशिक्षु रेंजर अनुप्रिया कुमारी व श्वेता कुमारी के अलावे महिला व पुरुष वनरक्षी जंगली क्षेत्रों में कैम्प कर रहे हैं। डीएफओ संजीव रंजन ने बताया कि बीते दो दिन पूर्व झारखंड के कोडरमा के वन पदाधिकारियों ने बताया कि जंगली क्षेत्रों के रास्ते दिबौर के जंगल में एक हाथी प्रवेश कर गया है। सूचना के आलोक में वनकर्मियों की सहायता से हाथी को आबादी वाले क्षेत्र से दूर जंगली क्षेत्र में भेजने को लेकर प्रयास जारी है।
उन्होंने बताया कि फुलवरिया डैम से हाथी को नावाडीह के दूर जंगल में भेज दिया गया है,जो गया वन क्षेत्र की ओर चला गया।उन्होंने बताया कि बीते 12 घन्टों से रजौली वन क्षेत्र में हाथी नही दिखाई दिया है। फिर भी वनकर्मियों को लगातार हाथी पर गहरी नजर बनाए रखने व सतर्कता पूर्वक निर्देशित किया गया है।
डीएफओ ने कहा है कि जंगली क्षेत्रों के आसपास के लोगों को हाथी से बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है। हाथी अपने रास्ते में आने वाले लोगों पर भी हमला कर रहा है। ग्रामीणों से अनुरोध व अपील किया गया है कि हाथी पर ढेला आदि नहीं मारना है।अगर किसी ग्रामीण को कहीं भी हाथी दिखे ,तो वे वन विभाग को अविलंब सूचित करें। साथ ही ग्रामीणों से रात्रि में बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है।
3 साल पहले भी आया था हाथियों का झुंड मचाया था कोहराम
रजौली प्रखंड क्षेत्र में बीते वर्ष 2021 के अक्तूबर माह में हाथियों का एक झुंड रजौली में प्रवेश कर गया था।आबादी क्षेत्र से जंगली क्षेत्र में भेजने के लिए वन कर्मियों के पसीने छूट गए थे। हाथियों ने कुछ घरों और फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था। अन्ततः पश्चिम बंगाल से हाथी भगाने के लिए एक विशेष टीम को बुलाया गया था तब जाकर हाथियों को रजौली वन क्षेत्र से बाहर किया गया था। रजौली प्रखंड क्षेत्र के लोग तब राहत की सांस ली थी।
आत्ममंथन करने का अवसर है :- बिहार दिवस
नवादा : बिहार भारत के सांस्कृतिक इतिहास का लीलाभूमि रहा है। इस भूभाग पर शासन करने वाले अधिकांश राजा सत्य अहिंसा और प्रजापालन को अपना धर्म माना है। रामायण काल में मिथिला के राजा जनक ने सुखाड़ पड़ने पर हल जोता था। ढ़ाई बार हल जोतने पर सीता निकली थी। आज भी किसान हरमंतर के नाम से ढ़ाई रेखा खेत जोत कर सीता प्राप्त करने की भावना रखते हैं। यह लांगल पद्धति है। बिहार के किसान पुरुषार्थी माने जाते हैं।
महाभारत काल में पुराणों के अनुसार व्रहदर्थ के पुत्र महाराज जरासंध प्रतापी वैदिक धर्म मानने वाले प्रजा पालक राजा हुए और ज्ञानी लोगों को भी खेती करने का संदेश दिया था। कृषि कला एवं अन्य विभागों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए राज्य दरबार में बुलाकर सम्मानित करने का वृतांत ग्रंथों में है।
सबसे बड़ी बात है कि इस वंश के जरासंध सहदेव से लेकर रिपुंजय तक 40 राजा हुए और कुल 940 साल तक शासन किया। लेकिन राजा होने के लिए कभी युद्ध नहीं हुआ। ईसा पूर्व 236 से 277 में मौर्य वंश के प्रतापी राजा अशोक मगध के अत्यंत तेजस्वी, साहसी शासक हुए। कलिंग युद्ध के व्यापक जनसंहार ने अशोक को पश्चाताप के सागर में डुबो दिया और बौद्ध धर्म की सादगी से प्रभावित होकर वह सम्राट से प्रियदर्शी हो गए। सार्वभौम धर्म के सर्वप्रथम निरूपण का श्रेय उन्हीं को दिया गया है।
मान्यता है कि लौह धातु का उपयोग सबसे पहले बिहार में ही हुआ था।कई मान्य विद्वान मानते हैं कि प्रथम वैदिक अवधारणा के अनुसार राजगृह के आसपास प्रथम गांव बसा था। शिक्षा के क्षेत्र में नालंदा विश्वविद्यालय में देश-विदेश के छात्र शिक्षा पाते थे। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग सातवीं शताब्दी में नालंदा विश्वविद्यालय में छात्र के रूप में और फिर प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हुए। ह्वेनसांग की यात्रा वृतांत के अनुसार राजगृह के पूर्वी हिस्से में सुस्वादू चावल पैदा होता था।
अंधेरा घनीभूत था अंग्रेज देश का शासक था। देसी राजा, नवाब सामंत अंग्रेजों के पक्षपाती थे। कई ढंग के शोषण दोहन का तांडव जारी था। उस कालखंड में खासकर पलासी के युद्ध के पूर्व बिहार अलग हुआ करता था। परंतु बक्सर की लड़ाई के बाद बंगाल बिहार और उड़ीसा ईस्ट इंडिया कंपनी के चले जाने के कारण बिहार सूबा का अस्तित्व समाप्त हो गया और वर्ष 1886 में बिहार प्रेसिडेंसी का हिस्सा बन गया जो 1905 तक बना रहा। 1905 में बंगाल प्रेसिडेंसी से पूर्वी बंगाल अलग कर दिया गया। इस बीच बिहार उड़ीसा और छोटानागपुर बंगाल से अलग करने की घोषणा 12 दिसंबर 1912 को की गई थी जिसकी अधिसूचना 22 मार्च 1912 को निकाली गई थी। इस कारण बिहार दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है।
भारतीय स्वतंत्रता के लिए आंदोलन उबड़ खाबड़ रास्तों और दिशाओं के सफर पर था।यह आंदोलन लगभग सौ सालों से जारी था। लेकिन सबों के अर्थात जाति, धर्म, भाषा ,भौगोलिक विविधता वाले समाज को सही लक्ष्य की ओर बढ़ाने के लिए भारतीय राजनीतिक क्षितिज पर एक ऐसा दायित्वमान नक्षत्र का उदय हुआ जिसके अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत बिहार के चंपारण जिले से हुई। महात्मा गांधी ने आंदोलन में जिन जिन तरीकों का उपयोग चंपारण में किया उन्हीं के सहारे राष्ट्र का नेतृत्व भी उन्हें मिला। लोकमान्य तिलक ने कई दिनों तक मुंबई के एक जज के सामने खड़े होकर जो बहस की थी उसमें उन्होंने ब्रिटिश सरकार को उनके अन्याय के खिलाफ खूब ललकारा था। तिलक ने कहा मैं निर्दोष हूं लेकिन एक राजनीतिक और एक सत्याग्रही में फर्क होता है। तिलक ने कहा मैं निर्दोष हूं।
उनकी तकनीक दूसरी थी। लेकिन चंपारण के कलेक्टर के पूछने पर कि तुम क्या कहते हो महात्मा गांधी ने कहा था मैं तुम्हारे कानूनों को तोड़ने वाला हूं। तुम मुझे सजा दे सकते हो गांधी जी के इस आशातीत साहस को देखकर बिहार के अंग्रेजी राज के पदाधिकारी कांप उठे थे। बिहार में स्वतंत्रता आंदोलन में किसान संगठनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 1917 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1927 से 1929 में स्वामी सहजानंद सरस्वती के द्वारा किसान सत्याग्रह में अंग्रेजी राज समाप्त होने जमीनदारी राज समाप्त होने का शंखनाद किया गया था।
स्वतंत्रता आंदोलन के लिए क्रमबद्ध संघर्ष के दौरान 11 अगस्त 1942 को बिहार के सात सपूत गोलीकांड में पटना सचिवालय के सामने शहीद हो गए और 23 हजार स्वतंत्रता सेनानी जेलों में बंद किए गए। आजादी के संघर्ष के समय जहां भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस स्वतंत्रता चाहती थी। वही सुभाष चंद्र बोस, स्वामी सहजानंद सरस्वती किसान मजदूरों को वाजीब हक दिलाना चाहते थे।1947 में भारत आजाद हो गया। 112 साल बिहार प्रदेश के गठन के बाद 47 साल संघर्षों में व्यतीत हुए और 75 साल नवनिर्माण का काल रहा।आजादी के बाद बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्री कृष्ण सिंह आजादी के संघर्ष काल में 7 साल 10 दिन जेल में रहे थे।
श्री बाबू के मंत्रिमंडल में अनुग्रह नारायण सिंह, के.बी सहाय जैसे व्यक्तित्व के धनी मंत्री बने थे। श्री बाबू की सरकार ने शोषण पर आधारित जमींदारी प्रथा समाप्त किया।देश का प्रथम रासायनिक खाद कारखाना सिंदरी में स्थापित किया। उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिए गंगा नदी में राजेंद्र पुल निर्माण कराया। डालमिया और बरौनी को औद्योगिक केंद्र बनाया। शिक्षा के विकास के लिए कई विश्वविद्यालय स्थापित किया।
प्राकृतिक आंगन में नेतरहाट स्कूल का निर्माण कराया। वे इस तरह के स्कूल और खोलना चाहते थे। जहां पढ़ने वाले विद्यार्थी बिहार के आधारभूत संरचना के प्रति सदा सजग रहे। राष्ट्रभाषा परिषद और हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन पटना में स्थापित किया। आजादी के बाद बिहार में प्रथम गैर कांग्रेसी सरकार सत्ता में आई। इस बीच अत्यंत पिछड़ी जाति से आने वाले समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर कार्यकर्ता प्रधान राजनीति के तहत के रूप में स्मरण किए जाते हैं। 1974 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति के नाम से जन आंदोलन हुआ मुख्य विषय भ्रष्टाचार मिटाना था। इसके पूर्व डॉ राम मनोहर लोहिया ने सक्रांति का नारा दिया था।
बिहार समाजवादियों का गढ़ माना जाने लगा। 1974 के जन आंदोलन के कोख से जनता पार्टी का गठन संघ सोशलिस्ट पार्टी संगठन कांग्रेस के मिलने के बाद गठित हुई। डॉ राम मनोहर लोहिया के विचार नामक पुस्तक में जातिवाद की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि शीर्षक लेख में डॉक्टर लोहिया ने लिखा , दूसरी प्रवृत्ति से भी शूद्र समानता हासिल कर सके ऐसा नहीं लगता।इस प्रवृत्ति से शूद्र स्वयं द्विज बन जाने की कोशिश करता है और द्विजों के गुणों के बजाय उसके अवगुण अपनाता है।
जरूरत इस बात की है कि शूद्रों, पिछड़ों में ऐसा नेता निकले। जिनके पीछे ना सिर्फ शूद्र बल्कि द्विज भी चलने में गौरव अनुभव करें। 112 साल का बिहार में लगातार लोकतंत्र कमजोर पड़ता जा रहा है और धर्मतंत्र प्रभावकारी होते जा रहा है।अब तो करोड़पति ही विधायक, सांसद हो सकते हैं। इसी यक्ष प्रश्न के लिए आत्ममंथन की जरूरत है। कारण सबों के साथ सबों के विश्वास के बिना सब कुछ अधूरा है।