नवादा : अकबरपुर अंचल अधिकारी डीएम तो डीएम उच्च न्यायालय से भी उपर हैं। वे वहीं करते हैं जो चाहते हैं। अंचल के अजीमचक पचरुखी का है। संजय कुमार ने भूमि की मापी के लिए मापी वाद संख्या 25/23/24 के तहत 24/4/23 को तीन हजार रुपए जमा कराया। उक्त मामले में ज्ञापांक 143 दिनांक 20/2/22 के तहत उक्त भूमि पर निषेधाज्ञा लागू किया गया था जिसकी सुनवाई के बाद अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ने वाद संख्या 212/23 के तहत निर्णय संजय यादव के पक्ष में देते हुए निषेधाज्ञा से मुक्त कर दिया। इसके आलोक में मापी के लिए स्थल पर गये अमीनों को बलपूर्वक मापी करने से रोक दिया गया। अमीनों ने मापी के लिए सशस्त्र पुलिस बल की मांग की लेकिन अंचल अधिकारी चुप्पी साधे रखा।
मामला भूमि सुधार उपसमाहर्ता के पास गया जहां अंचल अधिकारी को दंडाधिकारी के नेतृत्व में सशस्त्र बल के साथ मापी कराने का आदेश निर्गत किया लेकिन अंचल अधिकारी ने उक्त आदेश को फिर रद्दी की टोकरी में डाल दिया। मामला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के पास 14/6/24 को पहुंचा जिसमें 24/8/24 को निर्णय संजय यादव के पक्ष में आया बावजूद मापी कराने में अंचल अधिकारी टाल मटोल करते रहे।
विवश होकर संजय यादव ने उच्च न्यायालय में वाद संख्या 4485/25 दायर कराया जिसमें दो माह के अंदर मापी कराने का आदेश डीएम समेत तमाम अधिकारियों को दिया गया। आश्चर्य यह कि मापी के संजय यादव अंचल अधिकारी का चक्कर काट रहे हैं बावजूद अबतक मापी के लिए आजकल कहकर टहलाया जा रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि अकबरपुर अंचल अधिकारी पर किसी का वश नहीं है। कहते हैं न्यायालय सर्वोपरि होता है लेकिन ये हैं कि उच्च न्यायालय तक का आदेश नहीं मान रहे हैं।
भईया जी की रिपोर्ट