नवादा : जिले के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को एक नई पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। जिलाधिकारी रवि प्रकाश की पहल पर तमसा महोत्सव और सीतामढ़ी मेला को बिहार सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग ने राज्य के सांस्कृतिक महोत्सवों की सूची में शामिल करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस उपलब्धि ने न केवल इन उत्सवों के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया है, बल्कि इन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का मार्ग भी प्रशस्त किया है।
नवादा स्थित सीतामढ़ी मेला, जिसका इतिहास रामायण काल से जुड़ा है, जिले की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मेला न केवल स्थानीय लोगों के लिए आस्था और उत्सव का केंद्र है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक जड़ें इसे एक अनूठी सांस्कृतिक धरोहर बनाती हैं। दूसरी ओर, तमसा महोत्सव तमसा नदी के तट पर आयोजित होने वाला एक ऐसा आयोजन है, जो स्थानीय कला, संस्कृति और परंपराओं को जीवंत करता है। इन दोनों आयोजनों को राज्य सांस्कृतिक महोत्सवों की सूची में शामिल करने से इनके संरक्षण और प्रचार-प्रसार को नई गति मिलेगी।
डीएम रवि प्रकाश ने इन आयोजनों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए कला एवं संस्कृति विभाग से इन्हें राज्य के सांस्कृतिक कैलेंडर में शामिल करने का अनुरोध किया था। उनके इस प्रयास को व्यापक समर्थन मिला, और स्थानीय लोगों ने भी इस पहल की सराहना की। डीएम रवि प्रकाश ने बताया कि तमसा महोत्सव और सीतामढ़ी मेला हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं। इनके ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इन्हें राज्य स्तर पर मान्यता दिलाना आवश्यक था। यह स्वीकृति न केवल इन उत्सवों को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय कला और संस्कृति को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
स्वीकृति के बाद जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस कदम से न केवल इन आयोजनों की भव्यता बढ़ेगी, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। तमसा महोत्सव और सीतामढ़ी मेले में शामिल होने वाले कलाकारों, कारीगरों और स्थानीय समुदायों को अब अपने हुनर को प्रदर्शित करने का एक बड़ा मंच मिलेगा। राज्य सांस्कृतिक महोत्सवों की सूची में शामिल होने से इन आयोजनों के लिए सरकारी सहायता और संसाधन उपलब्ध होंगे।
इससे मेले और महोत्सव के आयोजन को और भव्य और व्यवस्थित किया जा सकेगा। साथ ही, इन आयोजनों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने में मदद मिलेगी, जिससे बिहार की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान मिलेगी। डीएम रवि प्रकाश की यह पहल नवादा के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। तमसा महोत्सव और सीतामढ़ी मेला अब केवल स्थानीय आयोजन नहीं रहेंगे, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक धरोहर का एक अभिन्न हिस्सा बन गए हैं। यह कदम न केवल इन उत्सवों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा, बल्कि नवादा की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती प्रदान करेगा।
भईया जी की रिपोर्ट