नवादा : एसपी अभिनव धीमान ने कहा कि कुख्यात सुनील यादव व उसके बेटे सुशील यादव पर सीसीए 12 (2) की कार्रवाई से जिले में कानून का राज स्थापित होगा तथा लोगों के मन में पुलिस के प्रति विश्वास उत्पन्न होगा। इससे असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कड़ा प्रशासनिक संदेश भी जाएगा। सुनील यादव व उसका बेटा सुशील यादव समाज के लिए खतरा बने हुए थे।
इनके बाहर रहने से इलाके में अशांति फैलने व भय का माहौल पैदा होने की आशंका बनी थी। सीसीए 12 (2) के तहत निवारक निरोध (प्रिवेंशन डिटेंशन) के रूप में कार्रवाई की जाती है। इसके तहत किसी आपराधिक प्रवृति के व्यक्ति को बिना अपराध के आरोप के केवल इसलिए हिरासत में लिया जाता है ताकि भविष्य में उसे अपराध करने से रोका जा सके। इसे तब लागू किया जाता है कि जब सरकार को लगता है कि उस व्यक्ति की गतिविधियां समाज या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं।
डीएम व एसपी को हाईकोर्ट में रखना पड़ता है पक्ष
हाईकोर्ट के आदेश पर सीसीए 12 (2) के तहत किसी व्यक्ति को छह माह तक निरुद्ध करने का प्रावधान है। इसके लिए डीएम व एसपी को कोर्ट के समक्ष सशरीर उपस्थित होकर सरकार का पक्ष रखना पड़ता है। सुनील यादव व उसके बेटों के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान डीएम रविप्रकाश व एसपी अभिनव धीमान को सरकार का पक्ष रखना पड़ा। अधिकारी द्वय ने हाईकोर्ट से अपील की कि दोनों के बाहर रहने से समाज को खतरा है। इनके बाहर रहने से जिले की विधि व्यवस्था प्रभावित होगी और आम जनता भयमुक्त होकर कोई काम नहीं कर सकेगी। अपने तर्कों से संबंधित अधिकारियों द्वारा हाईकोर्ट में साक्ष्य पेश किये गये। साक्ष्यों व दलीलों से सहमत होने के बाद कोर्ट ने दोनों के विरुद्ध आदेश जारी किया।
विशेष परिस्थति में डीएम व एसपी की अनुशंसा पर सीसीए की अवधि का विस्तार भी किया जा सकता है। इसके लिए जिला स्तर से गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा जाता है। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में होती है। हाईकोर्ट के आदेश पर छह माह की अवधि विस्तार का प्रावधान है। अमानवीय हरकत के मामले ने पकड़ा था तूल:- घर में घुसकर महिलाओं व पुरूषों के साथ मारपीट तथा एक महिला के साथ अमानवीय हरकत के कारण सुनील यादव फरवरी व मार्च के महीने में चर्चा में आया था। मामले ने इस कदर तूल पकड़ा कि जिले में कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन, कैंडल मार्च आदि निकालकर घटना की तीव्र भर्त्सना की गयी। इस दौरान राजनीतिक दलों के कई बड़े नेता व अधिकारियों के नवादा व नारदीगंज दौरे के कारण जिला सुर्खियों में रहा। मामला 21/22 फरवरी की रात की है।
पड़रिया गांव स्थित एक घर में घुसकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया था। घटना का कारण जमीनी विवाद था। 22 फरवरी को मामले में नारदीगंज थाना कांड 75/25 दर्ज किया गया। मुख्य आरोपित सुनील यादव व पिंटू यादव को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में पुलिस द्वारा 15 अप्रैल को आरोप पत्र समर्पित कर दिया गया। 09 मई को आरोपित को इस मामले में जमानत मिल गयी। जबकि कोर्ट ने मामले में 17 मई को संज्ञान लिया। हालांकि अन्य मामले में रिमांड के कारण सुनील यादव व सुशील यादव जेल से बाहर नहीं निकल पाये।
जांच के लिए एसआईटी की गयी थी गठित
इस मामले में एसपी द्वारा थानाध्यक्ष के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर शेष आरोपितों की अविलंब गिरफ्तारी के निर्देश दिये गये थे। तकनीकी सर्विलांस व मानवीय इंटेलिजेंस की मदद से एसआईटी ने 28 फरवरी को मामले में दो आरोपितों सुशील कुमार व सत्यम कुमार को गिरफ्तार कर लिया जबकि दो अन्य विधि विरुद्ध किशोर को निरुद्ध कर लिया गया। पुलिस अनुसंधान में मामला दोनों पक्षों के बीच जमीन विवाद से जुड़ा पाया गया जिस पर कब्जे को लेकर प्राथमिकी अभियुक्त सुनील कुमार व उसके बेटे सुशील यादव द्वारा घटना को अंजाम देने की बात सामने आयी।
जांच में पाया गया कि सुनील यादव व उसका बेटा सुशील यादव आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। ये अपने इलाके में अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन जबरन मारपीट कर अपने कब्जे में लेकर रंगदारी आदि वसूलता है। इनके भय से लोग इनके विरुद्ध केस दर्ज करने व गवाही देने के लिए तैयार नहीं होते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया कि उनलोगों द्वारा वादी पक्ष के लोगों को जान से मारने की धमकी दी जाती है।
सुनील यादव पर दर्ज हैं 11 मामले
नारदीगंज थाने के पड़रिया गांव के स्व. सुरेश यादव के बेटे सुनील यादव पर नारदीगंज में हत्या के प्रयास, रंगदारी, एससी/एसटी, छेड़खानी, चोरी आदि के 11 मामले दर्ज हैं। इनमें 22 फरवरी 2025 को दर्ज कांड संख्या-75/25 के अलावा 07 जून 2014 को दर्ज कांड संख्या-80/14, 09 सितम्बर 2019 को दर्ज कांड संख्या-101/15, 04 मई 2019 को दर्ज कांड संख्या- 113/19, 15 फरवरी 2020 को दर्ज कांड संख्या- 38/20, 09 अगस्त 2020 को दर्ज कांड संख्या- 177/20, 13 अगस्त 2020 को दर्ज कांड संख्या-180/20, 17 अप्रैल 2021 को दर्ज कांड संख्या-70/21, 23 मई 2021 को दर्ज कांड संख्या- 94/21, 19 अक्टूबर 2024 को दर्ज कांड संख्या- 368/24 व 25 जनवरी 2025 को दर्ज कांड संख्या- 32/25 शामिल हैं।
सुशील यादव पर दर्ज हैं 10 मामले
सुनील यादव के बेटे सुशील यादव पर 10 मामले नारदीगंज में दर्ज हैं। इनमें अधिकांश हत्या के प्रयास, रंगदारी, एससी/एसटी, छेड़खानी, चोरी आदि के शामिल हैं। इनमें 22 फरवरी 2025 को दर्ज कांड संख्या-75/25, 15 फरवरी 2020 को दर्ज कांड संख्या- 3820, 09 अगस्त 2020 को दर्ज कांड संख्या- 17720, 13 अगस्त 2020 को दर्ज कांड संख्या- 18020, 17 अप्रैल 2021 को दर्ज कांड संख्या- 7021, 20 जनवरी 2022 को दर्ज कांड संख्या- 1222, 22 अगस्त 2022 को दर्ज कांड संख्या- 26422, 28 जून 2024 को दर्ज कांड संख्या- 19224, 19 अक्टूबर 2024 को दर्ज कांड संख्या- 36824 व 25 जनवरी 2025 को दर्ज कांड संख्या- 3225 शामिल हैं। इनमें छह मामले में आरोप पत्र समर्पित है।
कहते हैं अधिकारी
हाईकोर्ट द्वारा दोनों पिता-पुत्र को छह माह तक निरुद्ध करने का आदेश दिया गया है। ये लोग विधानसभा चुनाव तक जेल में रहेंगे जिससे इलाके में शांति व्यवस्था कायम रहेगी। आमजनों व पीड़ितों से संपर्क कर उन्हें सुरक्षित होने का विश्वास दिलाया जा रहा है।
भईया जी की रिपोर्ट