नवादा : सच लिखना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं। कलम को कहां तक रोक पायेगा डीएम साहब? मनरेगा में भ्रष्टाचार चरम पर है और आप कुंभकर्णी निद्रा में सो रहे हैं। आपके मातहत लूट में संलग्न हैं और आप तमाशा देख रहे हैं। आखिर ऐसा कब-तक? भ्रष्टाचार को सबूतों के साथ पेश करना मेरा शगल है सो एक प्रमाण आपके सामने फिर पेश कर रहा हूं। मामला जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला प्रखंड क्षेत्र बड़गांव पंचायत नरौली गांव से जुड़ा है। यहां आहर से गुनी बाबा पैन की सफाई मनरेगा से करायी जा रही है।
उक्त कार्य में मनरेगा ऐक्ट 2005 की धारा 3(1) की धज्जियां उड़ाते हुए मजदूरों के बजाय जेसीबी से कार्य करा फर्जी मास्टर राल बना भुगतान किया जा रहा है। अब आप पूछेंगे योजना संख्या क्या है तो जान लें योजना संख्या 0508003011/1c/20526787 है। आदतन कार्य आरंभ करने के पूर्व कार्य से संबंधित बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। योजना करीब पांच लाख रुपए की बतायी जाती है। जी हां! एक बार और बता दूं मामला मनरेगा लोकपाल में ले जाये जाने के बावजूद कार्रवाई तो दूर अबतक जांच तक आरंभ नहीं हो सकी। अब सबसे बड़ा सवाल!
आखिर मजदूरों की हकमारी कब-तक? योजना में लूट की खुली छूट आपने दे रखी है क्या? अगर नहीं तो जांच और कार्रवाई क्यों नहीं? ऐसे में लोकपाल की नियुक्ति क्यों? आपको बता दें उक्त मामले को जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने मनरेगा लोकपाल, सचिव बिहार सरकार के साथ ही सीपीग्राम पर उठाते हुए मामले की जांच व कार्रवाई की मांग कर पहली बार अधिकारियों को चौंकाया है। ऐसे में समाहर्ता कार्रवाई करें या न करें? कहीं न कहीं से कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है।
भईया जी की रिपोर्ट