-मगध विश्वविद्यालय के नियमों के विरूद्ध कनीय शिक्षक को बनाया प्रभारी प्राचार्य
नवादा : जिले के पकरीवरावां प्रखंड अंतर्गत कृषक महाविद्यालय धेवधा में पूर्व प्राचार्य श्यामसुंदर सिंह के सेवा निवृति के उपरान्त विद्यालय में वरीय शिक्षक के रहने के बावजूद नियम के विरूद्ध कनीय शिक्षक प्रो देवेन्द्र कुमार को प्रभारी प्राचार्य बना दिया गया है। देवेन्द्र कुमार को प्रभारी प्राचार्य बनाये जाने पर महाविद्यालय के वरीय शिक्षक प्रो० शशिभूषण प्रसाद ने मगध विश्विद्यालय के कुलपति एवं राजभवन सचिवालय बिहार सहित अन्य सबंधित अधिकारियों को आवेदन देकर विधि सम्मत प्रक्रिया के तहत गलत तरीके से प्राचार्य के पद पर बनाये गए कनीय शिक्षक को हटाने एवं वरीयता के आधार पर वरीय शिक्षक को प्राचार्य के पद पर नियुक्त करने की मांग की है।
वरीय शिक्षक शशिभूषण प्रसाद ने अपने दिये गये आवेदन में कहा कि मैं विगत 35 वर्षों से महाविद्यालय में कार्यरत हूं। हिदी विषय में विभागाध्यक्ष भी हूँ। मेरी नियुक्ति दिनांक 16.12.1985 को हुई थी। स्थायी नियुक्ति महाविद्यालय में गठित चयन समिति के निर्णय के अनुसार 17.02-1988 को अनुमोदित की गई थी। जबकि प्रभारी प्राचार्य के पद पर नियुक्त शिक्षक देवेन्द्र सिंह की नियुक्ति 08.10.1988 को हुई तथा गठित चयन समिति के द्वारा तथा स्थायी नियुक्ति 24-11-2008 को अनुमोदित की गयी, इस प्रकार प्रभारी प्राचार्य पद पर नियुक्त प्रो० देवेन्द्र सिंह मुझसे करीब 20 वर्ष जूनियर है।
उन्होंने कहा कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति को दिये गये आवेदन के आलोक में अपना पक्ष भी प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था। मगध विश्वविद्यालय बोध गया के पत्रांक- 128/1115) एवं पत्रांक 139/71118/24 के आलोक में साक्ष्य सहित पक्ष प्रतिवेदन भी समर्पित किया गया है । उन्होंने कहा कि पूर्व प्राचार्य श्यामसदर सिंह ने महाविद्यालय में अपना प्रभाव के बल पर मनमानी तरीके से मगध विश्वविद्यालय के द्वारा जारी दिशा निर्देश एवं आदेश के विरुद्ध गलत तरीके से कनीय शिक्षक देवेन्द्र सिंह को प्रभारी प्राचार्य के पद पर नियुक्त करना अनुचित ही नहीं बल्कि महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के आदेशों का अवहेलना भी है।
वरीय शिक्षक शशि भूषण प्रसाद
ने देवेन्द्र सिंह के उपर आरोप लगाते हुये कहा का की शासी निकाय कमिटि ने नियमों के विपरीत कनीय शिक्षक एवं भारतीय जीवन बीमा निगम में लाभ के पद पर (अभिकर्ता) के रूप में कार्यरत शिक्षक देवेन्द्र सिंह को प्रभारी प्राचार्य बनाये जाने से महाविद्यालय में अराजकता, मनमानी का माहौल व्याप्त है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल सचिवालय ने पत्रांक MU 01/2024-310 दिनांक -021/02/2074 के तहत मगध विश्वविद्यालय बोधगया के कुलपति तथा कुलसचिव को नियमानुसार विधिसम्मत प्रार्थी के आवेदन के आलोक में आवश्यक कारवाई करने का आदेश भी दिया है।
वरीय शिक्षक शशि भूषण प्रसाद ने कहा कि पूर्व सेवा निवृत प्रभारी प्राचार्य श्याम सुन्दर प्रसाद सिंह रिटायर होने के बावजूद महाविद्यालय आकर अपना प्रभाव जमाते हैं तथा महाविधालय के कार्यों में हस्तक्षेप करते हैं। उन्होंने कुलपति को दिये गये आवेदन में किसी षडयंत्र के तहत फंसाने एवं व्यक्तिगत तौर पर हानि पहुंचाने की भी आशंका व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मुझसे अधिकारिक तौर पर २०वर्ष जूनियर शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बनाने में नियमों का उलंघन किया गया है, वहीं वरीय शिक्षक के गरिमा को भी ठेस पहुंचा है।
उन्होंने कहा कि मगध विश्वविद्यालय की भी इस आशय की जानकारी पत्रों के माध्यम से कई बार अवगत कराया गया है परन्तु इस दिशा में कोई कारवाई नहीं किया गया है। उन्होंने सबंधित कागजातों एवं अभिलेखों से छेड़छाड़ करने की भी संभावना व्यक्त की है। आवेदक ने इस आशय की जानकारी उपयुक्त साक्ष्य एवं प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी के समक्ष शपथ पत्र दायर कर दिया है। इस सबंध में वर्तमान प्रभारी प्राचार्य से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने अपना मोबाइल रिसिभ करना मुनासिव नहीं समझा। आवेदक ने कहा कि इसके लिये मेरी लडाई जारी रहेगी।
भईया जी की रिपोर्ट