नवादा : दिग्गज बॉलीवुड एक्टर विजय कुमार नवादा के बच्चों को बता रहे थे अभिनय की बारीकियां। वर्षा फाउंडेशन द्वारा आयोजित अभिनय कार्यशाला में, ऑनलाइन प्रशिक्षित किया निम्की मुखिया फेम फिल्म सीरियल रंगमंच के दिग्गज अभिनेता विजय कुमार ने। वो राष्टीय नाट्य विद्यालय से उत्तीर्ण हैं और देश के पहले नागरिक हैं जिन्होंने सेंट्रल स्कूल ऑफ स्पीच एंड ड्रामा लंदन से स्कॉलरशिप प्राप्त किया है और पिछले लगभग 40 वर्षों से रंगमंच कर रहे हैं ।
वो देश के कई विश्वविद्यालय में, ड्रामा विभाग में गेस्ट फैकल्टी भी हैं। सीरियल में बात करें तो नीमकी मुखिया, फिल्म और वेब सीरीज- बजरंगी भाईजान, सुपर30, फर्जी, कटहल आदि है। वह लगातार रंगमंच को समर्पित है, और मुंबई में सिनेमा के साथ अनवरत रंगमंच कर रहे हैं।
कार्यशाला में नवादा के बच्चों के साथ उन्होंने अभिनय के मुख्य बिंदुओं पर बच्चों को बताया। जैसे रंगमंच और सिनेमा में अंतर, कैमरे और मंच की समझ, फ्रेम की समझ इत्यादि पर बात करते हुए उन्होंने विषय की बारीकी बताया। रंगमंच में हम सशरीर उपस्थित होते हैं, पर फिल्मों में कट होता है, शूट, एडिट, साउंड, डायरेक्शन, डायलॉग, लोकेशन। कई विभिन्न तरहों के विधाओं के बाद फिल्म में अभिनेता दिख पाता है। पर रंगमंच में हम एक ही समय में अभिनेता को देख सुन और समझ रहे होते हैं।
उन्होंने बच्चों से सवाल जवाब, करने से पहले अभिनय कार्यशाला द्वारा तैयार किया गया नाटक अखबार, की एक प्रस्तुति उन्होंने भी देखा, और ताली बजाकर, शुभकामना देकर बच्चों का हौसला अफजाई की। उन्होंने कहा नवादा जैसे जिले में रंगमंच का माहौल बनाना, बेहतर काम है। इससे आने वाले दिनों में एक कलात्मक माहौल नवादा में बनेगा। वर्षा फाउंडेशन के सचिव फिल्म अभिनेता सागर इंडिया की पहल का स्वागत करते हुए सिने एक्टर विजय कुमार ने यहां रंगमंच की गतिविधि निरंतर बनाए रखने को कहा।
कार्यशाला संयोजिका अनुराधा पंडित ने, बताया कि मुंबई यूनिवर्सिटी में विजय सर ने मुझे पढ़ाया है, और आज नवादा के बच्चों को उनसे पढ़ने का मौका मिला है सीखने का मौका मिला। यह जिले के लिए बहुत बड़ी बात है। कार्यशाला में, कौस्तुभ पंडित ने, सिनेमा के बारे में बात करते हुए पूछा कि घर पर सिनेमा एक्टिंग की प्रैक्टिस कैसे करें, तो सर ने बताया शीशे के सामने अभ्यास करें थोड़ा आगे आएंगे तो आपका फुटेज जूम होता चला जाएगा, जिससे आपको अपने आपको फ्रेम में देखने की समझ विकसित होगी।
राजलक्ष्मी ने पूछा मुझे अचानक हंसी आ जाती है इसे कैसे कंट्रोल करें, सर ने बताया अभिनेता का अपने बॉडी पर कमांड होना, पहली शर्त है कोई भी आदत को धीरे-धीरे अभ्यास से सुधर जाता है और अभ्यास हीं है, जो अभिनय में सहजता लाता है, रिया चंद्रवंशी ने मंच और नुक्कड़ नाटक में अंतर पर सवाल पूछा सर ने बताया मंच नाटक में ऑडियंस एक तरफ होता है, वहां लाइट, पर्दा इत्यादि अलग-अलग सुविधा होती हैं।
मंच नाटक में दर्शक हमारे पास आते हैं, लेकिन नुक्कड़ नाटक में हम दर्शकों के बीच जाते हैं, और वह हमें चारों तरफ से देख रहे होते हैं, वहां शोर भी बहुत होता है, तो भीड़ भाड़ वाली जगह में, अपने अभिनय कौशल से, लोगों को रोक लेने की क्षमता इसमें काम आती है। नुक्कड़ नाटक में, किसी सामाजिक समस्या पर विरोध या उसकी वकालत के लिए सामान्यतः नुक्कड़ नाटक किया जाता है। कार्यशाला के सबसे छोटे होनहार अभिनेता आदित्य आर्यन ने, महत्वपूर्ण सवाल रस के बारे में पूछा। सर के द्वारा रस के बारे में एक-एक कर बताया गया। वैसे हीं हर नए अभिनेता के अपने सवाल थे। इस ऑनलाइन मास्टर क्लास में, पूरे क्लास के दौरान एक एनर्जी बनी रही।
कार्यशाला में कुछ महिलाएं भी आई हुई थी जो विजय कुमार की फैन थी। निमकी मुखिया में उनके कैरेक्टर तेतर सिंह उनका प्रिय कैरेक्टर था, अपने प्रिय अभिनेता से मिलने की खुशी, उन औरतों के चेहरे पर साफ झलक रही थी, उन्होंने अपने फैन से भी मुलाकात की और ऑनलाइन बातचीत में सब का हाल-चाल जाना, बिल्कुल सहज सरल स्वभाव के अभिनेता विजय कुमार ने नए अभिनेताओं के साथ-साथ जिले के अपने प्रशंसकों का भी दिल जीत लिया। कार्यशाला में सीखने सिखाने, और अपने अपने प्रिय अभिनेता से मिलने की खुशी, अद्भुत थी। नवादा में उन्होंने इस तरह के अभिनय कार्यशाला के आयोजन की तारीफ की।
भईया जी की रिपोर्ट