नवादा : जिला प्रशासन विकास का लाख दावा कर खुद अपनी पीठ थपथपा ले लेकिन धरातल पर कहीं कुछ नहीं है। कारण स्पष्ट है योजना में लूट की खुली छूट। तभी तो सोशल मीडिया से लेकर अखबारों तक छपी खबरों पर कार्रवाई तो दूर जांच तक नहीं होती।
गर्मी आरंभ होने के पूर्व जिले में पेयजल समस्या दूर करने के लिए बैठकों का दौर शुरू हो जाता है। निर्देश के साथ समस्या समाधान के दावे किए जाते हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाता। जिले के पहाड़ी व जंगली क्षेत्रों के लोगों को पेयजल समस्या से तब भी जूझना पड़ता था और आज भी जूझना पड़ रहा है।
ताजा मामला जिले के उग्रवाद प्रभावित रजौली का है । एक तरफ घर-घर नल का जल देने के दावे हैं तो दूसरी तरफ रजौली के कुछ इलाकों में प्यासे रहने की नौबत है। प्रखंड के हरदिया पंचायत की सुदूरवर्ती गांव गोहियाडीह में पानी के लिए हाहाकार मचा है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।
पहाड़ से रिसकर निकलने वाले पानी को गड्ढे में संग्रहीत कर भोजन व पीने के लिए पानी का जुगाड़ करने पर ग्रामीणों को विवश होना पड़ रहा है। नल का जल इनके लिए दिवास्वप्न से कम नहीं।
इस प्रकार की समस्या एकमात्र गोहियाडीह की नहीं बल्कि कौआकोल, मेसकौर, गोविंदपुर, रजौली व सिरदला प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों की है बावजूद जिला प्रशासन व राज्य सरकार हर घर नल का जल उपलब्ध कराने का दावा कर रही है जिसे मुंह चिढ़ाने के लिए तस्वीरें काफी है।
भईया जी की रिपोर्ट