नवादा : कोरोना की पुर्नवापसी के बीच सदर अस्पताल की व्यवस्था सवालों के घेरे में है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा है। कई अस्पतालों में कोविड बेड आरक्षित किए गए हैं। डॉक्टरों की इमरजेंसी ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन सदर अस्पताल में स्थिति पूर्णतः विपरीत है। यहां जीवन रक्षक वेंटिलेटर एक कोने में धूल फांक रहा है। पूर्व में बनाए गए कोविड वार्ड को अब दवाइयों और अन्य सामानों के स्टोर रूम में बदल दिया गया है।
2021 में वेंटिलेटर की कमी ने ली थी कई की जान
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल के सिविल सर्जन को भी कोविड वार्ड की वर्तमान स्थिति और आवश्यक उपकरणों की जानकारी नहीं है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कोरोना से बचाव के लिए सक्रिय हो गए हैं।
सिविल सर्जन को जानकारी ही नहीं
अस्पताल प्रशासन को स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। अन्य अस्पतालों ने गाइडलाइन के अनुसार तैयारियां पूरी कर ली हैं। अब देखना यह है कि सदर अस्पताल प्रबंधन कब इस स्थिति का संज्ञान लेता है। सिविल सर्जन विनोद कुमार चौधरी ने बताया कि व्यवस्था पूरी तरह दुरुस्त कर ली गई है। वेंटीलेटर के बारे में फिलहाल हमें अभी जानकारी नहीं है। इसके बारे में आगे आप लोगों को बताएंगे।
कभी वेंटिलेटर के लिए पड़े थे जान के लाले
2021 में कोविड 19 की दूसरी लहर में न जाने कितने लोगों की जान चली गई। उस वक्त वेंटिलेटर की कमी के चलते कोरोना वायरस ने कोहराम मचा दिया था। अस्पतालों में वेंटिलेकर की कमी जिस तरह से उस वक्त महसूस की गई थी, उसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। लेकिन मुसीबत के थोड़ा टलते ही ऐसी लापरवाही देखने को मिल रही है।
भईया जी की रिपोर्ट