नवादा : जिले के बिहार-झारखंड सीमा पर रजौली के जंगली क्षेत्रों में वृहद पैमाने पर शराब की पैकिंग व बिक्री का धंधा पुलिस की मिलीभगत से जारी है। शराब माफियाओं व पुलिस की मिलीभगत की पोल खुलनी शुरू हो चुकी है। धंधे में चौकीदार व थानाध्यक्ष के निजी चालक की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसी प्रकार के मामले में रजौली का एक चौकीदार खबर की सत्यता सामने आने के बाद निलंबित हो चुका है।
वैसे मैं हरबार कहता आया हूं बगैर प्रमाण मैं किसी पर आरोप नहीं लगाया सो एक वीडियो फिर मेरे पास आया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो खुद पुलिस की कार्यशैली की पोल खोल रही है जिसकी बृहद जांच ही नहीं कार्रवाई की आवश्यकता है, अन्यथा निर्दोष फंसते रहेंगे और पुलिस मालामाल होती रहेगी। रजौली थाना क्षेत्र में शराब माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम कानून का मखौल उड़ा रहे हैं। देसी शराब की अवैध पैकिंग करते हुए दो युवकों का वायरल
वीडियो बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 के नियमों का सीधा उल्लंघन है। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।युवक द्वारा “देशी शराब लेना है तो कमेंट करो भाई” एवं रजौली को टैग कर शराब की पैकिंग का वीडियो वायरल किया जा रहा है। घटना और भी चिंताजनक हो जाती है,जब हम बिहार में पूर्ण शराबबंदी की बात करते हैं। शराब माफियाओं का यह दुस्साहस दिखाता है कि जमीनी स्तर पर इसका अनुपालन कितना कमजोर है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थाना में रह रहे निजी चालक उपेंद्र कुमार का संरक्षण इन शराब माफियाओं को प्राप्त है।वायरल वीडियो को हजारों लोग देख रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई अपेक्षित है,ताकि कानून का राज स्थापित हो सके।
पुलिस कप्तान भले इमानदार हों लेकिन वैसी इमानदारी किस काम की जब दोषी को बचाने के लिए निर्दोषों को फंसाये जाने का खेल शराब माफियाओं के इशारे पर थानाध्यक्षों द्वारा किया जाना जारी रहे? अब जब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है तो जांच तो बनता ही है। जांच और कार्रवाई का इंतजार हर किसी को रहेगा।
भईया जी की रिपोर्ट