नवादा : उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र के विद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत आरंभ किया गये मध्याह्न भोजन योजना के तहत चयनित शिक्षकों में बरती गयी अनियमितता का पोल खुलनी शुरू हो गयी है। कई विद्यालयों के शिक्षा समिति की बैठक में चयनित शिक्षकों को हटाये बगैर संयुक्त खाता संचालन से सचिव द्वारा इंकार किया जा रहा है। ऐसे चयन में लाभ- शुभ। वैसे एसीएस सिद्धार्थ ने चयन की जिम्मेदारी राज्य एमडीएम निदेशक को दी थी लेकिन उन्होंने चयन का अधिकार जिला शिक्षा पदाधिकारी को दे दिया। ऐसे में लाभ- शुभ के चक्कर में वैसे लोगों का चयन कर दिया गया जिन्हें एमडीएम में अनियमितता मामले में पूर्व में हटाया जा चुका है।
ताज़ा मामला रजौली प्रखंड क्षेत्र के पहाड़ों व जंगली क्षेत्रों की सुअरलेटी प्राथमिक विद्यालय की है। पूर्व में आरोपी शिक्षिका को जांचोपरांत हटाये जाने के बाद पायलट प्रोजेक्ट के तहत पुनः चयन कर दिया गया। परिणाम रहा कि मर्मों गांव के अभिभावकों ने बच्चों को विद्यालय भेजने से मना कर दिया। सूचना अखबारों से लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हुई लेकिन आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अनसुनी कर दिया। ऐसे में शिक्षा समिति से जुड़े सदस्यों ने मोर्चा खोल दिया।
ऐसी भी बात नहीं कि मनगढ़ंत बातें हैं। शिक्षा समिति के सदस्यों ने बजाप्ता बैठक कर चयनित शिक्षिका को विमुक्त कर विद्यालय की अन्य शिक्षिका के चयन की मांग के साथ ऐसा न होने पर सचिव ने संयुक्त खाता संचालन से इंकार की सूचना दी है। विद्यालय प्रधानाध्यापक ने बैठक की प्रति अधिकारियों को भेजी है। ऐसे में अब विद्यालय से जुड़े लोगों को अगले आदेश का इंतजार है।
भईया जी की रिपोर्ट