नवादा : 41 डिग्री सेल्सियस से उपर का तापमान व शादी-विवाह का मौसम हो और ककोलत याद न आये ऐसा हो सकता है क्या? और जब ककोलत याद आये अकबरपुर बाजार में महाजाम न हो भला ऐसा हो सकता है क्या? भीषण गर्मी में राहत की तलाश कर रहे हजारों सैलानी जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ककोलत जलप्रपात की ओर रुख कर रहे हैं। इससे जलप्रपात की ओर जाने वाले रास्तों पर ऐसी भीड़ जुट रही है कि ककोलत से लेकर अकबरपुर तक सड़क पर महाजाम की लंबी लकीर खिंच गयी। घंटों तक लगे भीषण जाम ने आम लोगों से लेकर पर्यटकों तक को बेहाल कर दिया।
सुबह नौ बजे से शुरू जाम दोपहर एक बजे तक रहा। जाम की शुरुआत सुबह करीब नौ बजे उस वक्त हुई, जब नवादा, गया, शेखपुरा और झारखंड के गिरिडीह जैसे जिलों से सैलानियों के वाहन ककोलत जलप्रपात की ओर बढ़ने लगे। धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती गयी और प्रशासन की ओर से नियंत्रण के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण सड़क पर वाहन धीरे-धीरे रेंगने लगे।
ककोलत से लेकर थाली चौक, पहलवान मोड़ चौक होते हुए अकबरपुर तक महाजाम की स्थिति बन गयी। दोपहर करीब एक बजे के बाद कहीं जाकर स्थिति थोड़ी सामान्य हो सकी लेकिन वापसी के क्रम में शाम छह बजे से आठ बजे रात्रि तक स्थिति पूर्ववत रही। ऐसे में राहगीरों, छात्र-छात्राओं और मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
महाजाम का असर सिर्फ सैलानियों पर ही नहीं पड़ा, बल्कि स्थानीय लोग भी खासे परेशान रहे। स्कूल, कॉलेज और काम पर जाने वाले छात्र-छात्राओं व कर्मियों को निर्धारित समय पर पहुंचना मुश्किल हो गया। मरीजों को लेकर जा रही गाड़ियां भी घंटों तक जाम में फंसी रहीं, जिससे आपात स्थितियां उत्पन्न हो गयीं। ककोलत के रास्ते में लगने वाले दुकानदारों के लिए यह भीड़ दोहरी स्थिति लेकर आयी। एक ओर दुकानों पर ग्राहकों की संख्या बढ़ी, जिससे व्यापार में वृद्धि हुई, तो दूसरी ओर जाम और अव्यवस्थित ट्रैफिक के कारण ग्राहकों की पहुंच बाधित रही।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक उदासीनता पर नाराजगी जतायी है। उनका कहना है कि हर साल ककोलत में गर्मी के दिनों में भारी भीड़ लगती है। बावजूद न तो पुलिस बल की तैनाती होती है और ना ही कोई यातायात नियंत्रण योजना बनायी जाती है। सड़क पर अवैध पार्किंग और वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही से हालात और बिगड़ जाते हैं। बावजूद अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा पा रहा है।
भईया जी की रिपोर्ट