नवादा : जिले में विभिन्न विभागों में संचालित योजनाओं में लूट का बाजार गर्म है। अनियमितता से संबंधित खबरें अखबारों व सोशल मीडिया पर वायरल होने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई तो दूर जांच तक नहीं की जाती। ऐसे में संवेदकों से से लेकर संबंधित अधिकारियों की चांदी कट रही है। यहां बात हो रही है जिले के रजौली प्रखंड क्षेत्र के उग्रवाद प्रभावित जंगली क्षेत्रों का। अधिकारी जाते नहीं और काम होता नहीं। कागज पर काम की खानापूर्ति कर राशि की बंदरबांट बदस्तूर जारी है।
जी हां! यहां हम बात कर रहे हैं प्रखंड क्षेत्र के धमनी पंचायत की। वर्तमान में यहां गिरगी में लघु सिंचाई विभाग द्वारा पैन खुदाई का कार्य आरंभ किया गया है। नियमत: किसी भी योजना आरंभ होने के पूर्व बोर्ड लगाया जाना है ताकि लोगों को पता चल सके किस विभाग से कितऩी राशि से कब से कब-तक और कहां से कहां तक कार्य कराया जाना है। एक बोर्ड के लिए पांच हजार रुपए की राशि का भुगतान किया जाता है। लेकिन रजौली में कहीं भी किसी योजना का पूर्व या बाद में बोर्ड कहीं लगाया ही नहीं जाता और बोर्ड की राशि की बंदरबांट कर ली जाती है। हो भी क्यों नहीं! जब किसी अधिकारी के द्वारा योजना की जांच ही नहीं की जाती तो फिर देखेगा कौन? कारण स्पष्ट है योजना में डुप्लीकेसी?
फिलहाल बगैर बोर्ड लगाये कार्य आरंभ कर दिया गया है। वह भी जहां से आरंभ होना चाहिए वहां से नहीं बल्कि बीच से जिसका विरोध ग्रामीणों द्वारा आरंभ कर दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पैन की कुल चौड़ाई 35 फीट है लेकिन खुदाई मात्र 5 से छह फीट वह भी बीच से की जा रही है। ऐसे में पैन की भूमि पर अतिक्रमण का खतरा मंडरा रहा है तो पैन का सिकुड़ना लगभग तय है। ग्रामीणों ने समाहर्ता को आवेदन देकर मामले की स्वयं जांच-पड़ताल कर बरती जा रही अनियमितता पर रोक लगाने की मांग की है।