नवादा : सरकारी विद्यालय प्रारंभ होने की अवधि सुबह 6:30 निर्धारित है। सुबह होते ही स्कूल जाने के लिए शिक्षकों में आपाधापी मची रहती है। शहर से लेकर गांव की सड़कों पर शिक्षक की गाड़ियां सरपट दौड़ते नजर आती है। सभी शिक्षक समय से विद्यालय पहुंचने को लेकर तत्पर रहते हैं। फिर भी कई शिक्षक समय से विद्यालय नहीं पहुंच पाते हैं। ऐसे में लेट लतीफी से विद्यालय पहुंचने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है।
जिले के उग्रवाद प्रभावित मेसकौर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संजय जायसवाल ने प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत 166 शिक्षकों से सात दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी करते हुए कहा है कि ई-शिक्षाकोष के माध्यम से सभी शिक्षकों को आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई जाती है। ई-शिक्षाकोष पर शिक्षकों के द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के उपरांत 21 मार्च 2025 से लेकर 20 अप्रैल 2025 तक यानी एक महीने की उपस्थिति पंजियों की समीक्षा की गई।
इसमें विभिन्न विद्यालय में कार्यरत 166 शिक्षकों के द्वारा लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी संजय जायसवाल ने बताया कि कई शिक्षक समय के बाद उपस्थिति बनाते हैं। कई समय से पहले विद्यालय छोड़ देते हैं। वहीं कुछ का अनुपस्थित रहना, किसी दिन लाग आउट या लाग इन नहीं होना। मोबाइल के समय के साथ छेड़छाड़ कर उपस्थिति दर्ज करना आदि लापरवाही बरती गई है।
उन्होंने कहा कि इस सूची में 30 मिनट का छूट दिये जाने के बावजूद 166 शिक्षक लापरवाही में पाए गए। इस आशय का पत्र निर्गत होते ही प्रखंड के शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। शिक्षकों के बीच इस विषय को लेकर दिनभर चर्चा होती रही। बीईओ ने कहा कि बच्चों का भविष्य पहली प्राथमिकता है। सभी शिक्षक समय से विद्यालय पहुंचें। पूरी अवधि विद्यालय में रहकर बच्चों को अच्छी तरह से पढ़ाई करें। इधर, इस कार्रवाई की प्रखंड के बुद्धिजीवियों में प्रशंसा हो रही है।
निर्धारित समय से उपस्थिति बनाने का है नियम
शिक्षा विभाग के निर्देश में विद्यालय के सभी शिक्षकों को निर्धारित समय से ही उपस्थिति दर्ज कराने का नियम है। वर्तमान में सुबह 6:30 बजे तक अपनी उपस्थिति आनलाइन दर्ज करानी है। 12:30 में छुट्टी का समय निर्धारित है। इसके बाद लागआउट कर सकते हैं। इसके उलट कई शिक्षक नियम को ताक पर रखकर अपने कार्य करते हैं। शिक्षा विभाग के पूर्व एसीएस के के पाठक ने शिक्षकों को आवंटित विद्यालयों के समीप ही अपना आवास रखने को कहा था ताकि समय से विद्यालय पहुंच सकें। आज भी अनेकों शिक्षक 20 से 40 किमी. दूर से हर दिन विद्यालय आते हैं और वापस जाते हैं। इसमें भी कई बार लेट लतीफी होती है।
भईया जी की रिपोर्ट