नवादा : पर्यावरण का हाल बेहाल। जंगली जानवर छाया व जल के अभाव में रिहायशी इलाकों में शरण ले अपनी जान गंवा रहे हैं तो प्रकृति चक्र में गड़बड़ी के कारण लोगों को बेमौसम बारिश का सामना करना पड़ रहा है। यह हाल तब है जब वन विभाग वृक्ष लगाने व चेक डैम निर्माण का दावा कर रही है। कहां लगाये गये वृक्ष और कहां बनाया गया चेक डैम किसी को पता नहीं लेकिन कागज पर करोड़ों रुपए का बंदरबांट अवश्य हो रहा है। जी हां! यहां हम बात कर रहे हैं रजौली प्रखंड वन क्षेत्र दीबौर,हरदिया, धमनी,जमुनदाहा,चोरडीहा, डेलवा आदि की। जंगलों में हजारों की संख्या में लकड़ी माफिया लकड़ी काट कर रहा व्यापार कर रहे हैं।
रजौली क्षेत्र के दर्जनों आरा मिलों में प्रतिदिन जंगली लकड़ी से सामान बनाया जा रहा है जिस पर वन क्षेत्र पदाधिकारी मौन बैठे हैं। ऐसा लग रहा है कि इन्हें कुछ पता ही नहीं है। हद तो यह कि रेंजर मनोज कुमार पासवान अवकाश ग्रहण करने के बाद भी रजौली वन विभाग के सरकारी कार्यालय में कार्यरत है। यहां उनकी मनचाही ड्यूटी है। एक ही जगह पर दर्जनों तालाब बनाकर करोड़ों रुपए निकासी कर ली जाती है और मास्टर रोल कार्यालय में टेबल पर बन जाता है।
नियमत: मास्टर रोल कार्य स्थल पर बनना चाहिए। लेकिन उनके द्वारा निजी व्यक्ति एवं निजी लेबरों एवं जेल में रहे व्यक्ति के खाता में पैसा मंगवा कर निकासी कर बंदर बाट कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अंधेर नगरी चौपट राजा। इसमें कोई सूझबूझ लेने वाला नहीं है जो मर्जी होता है वही करता है। मनोज कुमार रेंजर का पहले से ही यह व्यक्ति बंदरबांट के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में रजौली वन क्षेत्र में एक ही जगह पलनवां, चितरकोली, सवैयाटांड़ जैसी जगह पर गड्ढानुमा जमीन को तालाब दिखाकर राशि की निकासी की जा रही है।
स्थानीय लोगों द्वारा उच्चाधिकारियों से शिकायत के वावजूद अपना पोस्टिंग रुकवा लेते है ।बोलते है हमको कौन उखाड़ लूगा। मेरी पैरवी ऊपर तक है। रेंजर मनोज कुमार पर केयर टेकर के साथ गलत नीयत से छेड़ छारू करने का रजौली थाने में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। पैसे के बल पर देकर मामला को दबा दिया गया। इनके कार्यकाल में सवैया टाड़ पंचायत में दर्जनों अवैध अभ्रक खनन संचालित किया जा रहा है। माफियाओं से साठ-गांठ कर बिना बोर्ड लगाए सैकड़ों जगहों पर बिना काम कराये राशि निकासी की जा रही है। जांच हुई तो विस्फोट होना तय है।
भईया जी की रिपोर्ट