-मानसून की बारिश आरंभ होने से किसानों में मायूसी
नवादा : कृषि कार्य के लिए महत्वपूर्ण नक्षत्र आर्द्रा के पांच दिन व्यतीत होने के बावजूद कायम भीषण गर्मी और खेतों में दरार कायम रहने से किसानों में काफी मायूसी छायी हुई है। आमतौर पर 15 जून से मानसून की बारिश आरंभ हो जाती थी लेकिन, इस वर्ष अबतक मानसून की बारिश आरंभ नहीं हो सकी है। ऐसे में धान के बिचड़े गिराने में बिलम्ब हो रहा है। अगर समय से धान का बिचड़ा नहीं लगाया जा सका तो समय से धान की खेती के लिए मोरी (धान के पौधे) तैयार नहीं हो सकेंगे।
जिले की खेती वर्षा आधारित है। नहर व जलाशय भी तभी लबालब होता है जब पर्याप्त मात्रा में बारिश होती है। अभी तक जिले की सभी बरसाती नदियां सूखी पड़ी है। ऐसे में किसानों के लिए विकल्प बिजली मोटर पंप है। भूगर्भीय जलस्तर इतना नीचे है कि जिले में पेयजल का साधन चापाकलों भी काम करना बंद कर दिया है। तापमान भी 39-40 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आ पा रहा। ऐसे में किसानों का हिम्मत जबाब दे रहा है। हालात यह है कि बमुश्किल पांच प्रतिशत खेतों में ही बिचड़े डाले जा सके हैं। जो बिचड़े डाले भी गये हैं उसका अंकुरण सही तरीके से नहीं हो पा रहा है।
आवत आदर ना कियो
कृषि पंडित घाघ के अनुसार:- आवत आदर ना कियो, जात देत नहीं हस्त।
ये दोनों पछतात हैं, पाहून और गृहस्थ।।
इस वर्ष आर्द्रा आते तो क्या पांच दिन व्यतीत होने के बाद भी आकाश में बादल रहने के बावजूद बरस नहीं रहा है। ऐसे में अभी से ही 1967 से भयंकर स्थिति का अहसास हो रहा है। अगर अब भी बारिश नहीं हुई तो…। भविष्य क्या होगा? कहना मुश्किल है।
भइया जी की रिपोर्ट