नवादा : जिले में योजना संचालन में जनप्रतिनिधियों द्वारा जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। कागजों पर स्थायी समिति गठन कर पंसचिवों की मिलीभगत से बैठक कर मनमानीपूर्ण योजनाओं का चयन कर राशि की बंदरबांट कर रहे हैं। स्थिति यह है कि समिति के चयनित लोगों को जानकारी तक नहीं कि वे पंचायत में गठित स्थायी समिति के सदस्य भी हैं।
ऐसे में जाहिर है फ़र्ज़ी हस्ताक्षर बनाकर सारा खेल अधिकारियों की मिलीभगत से की जा रही है। जी हां! ऐसा हम नहीं जिले के अधिकारियों को कमेटी सदस्यों द्वारा उपलब्ध कराई गयी दस्तावेज कह रहा है। मामले का पर्दाफाश जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गयी दस्तावेज से हुआ है।
मामला जिले के उग्रवाद प्रभावित रोह प्रखंड नजरडीह पंचायत का है। वैसे कमोवेश सभी पंचायतों की स्थिति लगभग एक सी है। आश्चर्य तो यह कि उक्त मामले में रोह बीडीओ की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। अब जब चयनित स्थायी समिति के सदस्यों ने बजाप्ता अधिकारियों को जानकारी न होने की विधिवत सूचना दी है तो गेंद प्रशासन के पाले में है। कार्रवाई कर अपनी निष्पक्षता का परिचय दे या फिर ——? वैसे आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल भी बैठने वाले नहीं सो उन्होंने अग्रेत्तर कार्रवाई आरंभ कर दी है।
भईया जी की रिपोर्ट