नवादा : कहते हैं रबी रव के हाथों में होता है। तभी तो एक बाप से बेटी ने कहा, बाबा गेहूं तैयार होने को है। बाबा ने कहा बेटी भाग्य जाने। बाबा गेहूं पककर तैयार है। बेटी भाग्य जाने। बाबा गेहूं कट गया। बेटी भाग्य जाने। बाबा गेहूं ओलावृष्टि व बारिश से बर्बाद हो गयी। बेटी भगवान जैसे चाहे वैसे रखें। कुछ इसी प्रकार की स्थिति इस वर्ष रबी फसलों पर लागू हो रही है।
जिले में मात्र तीन दिनों के अंदर एकबार फिर दोपहर बाद आयी आंधी-बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को जबर्दस्त क्षति हुई। ऐसे में किसानों की श्रम व पूंजी बर्बाद करने होने से परिवार के समक्ष भोजन से लेकर दवा-वस्त्र व पूंजी की समस्या उत्पन्न हो गयी है। खेतों में लगी व काटकर रखी गेहूं की फसल को हवा उड़ा ले गया या फिर ओलावृष्टि में बर्बाद हो गया।
जहां तक सवाल गर्मा सब्जी का है तो ओलावृष्टि से ककड़ी, टमाटर फसल को भारी क्षति पहुंची है। ऐसे में किसान खून की आंसू रोने पर विवश हैं। तेज हवा के कारण हरे वृक्ष धराशायी हो गये तो कई स्थानों पर बिजली के पोल-तार टूटकर गिरने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गयी। बिजली आपूर्ति बाधित होने से जलसंकट गहरा गया तो मोबाइल चार्ज होना मुश्किल हो गया है। बहरहाल प्रकृति की बेरुखी व बेमौसम बरसात ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
भईया जी की रिपोर्ट