नवादा : जिला पदाधिकारी रवि प्रकाश की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में फसल अवशेष प्रबंधन हेतु अंतर्विभागीय कार्य समूह की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि फसलों के अवशेष को खेतों में न जलाने तथा इससे होने वाले नुकसान के प्रति किसानों एवं आमजन को जागरूक करने हेतु कार्य समूह का गठन किया गया है। कार्य समूह में जिलाधिकारी अध्यक्ष तथा संबंधित पदाधिकारी सदस्य के रूप में शामिल हैं। साथ ही, उन्होंने विषय-वस्तु की विस्तृत जानकारी भी दी। विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने फसल अवशेषों के प्रभावी प्रबंधन के लिए विचार-विमर्श किया तथा संबंधित योजनाओं पर चर्चा की।
बैठक के दौरान, जिलाधिकारी ने फसल अवशेष जलाने से उत्पन्न प्रदूषण और पर्यावरणीय दुष्प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने किसानों को जागरूक करने तथा फसल अवशेषों के निस्तारण हेतु प्रभावी उपाय लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। जिलाधिकारी ने जिला जन सम्पर्क कार्यालय को निर्देशित किया कि फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु होर्डिंग/फ्लैक्स के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराया जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस विषय पर पर्याप्त संख्या में पंपलेट छपवाकर शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराए जाएं, जिन्हें सभी विद्यालयों में चेतना सत्र के दौरान पढ़ाया जाए और विद्यार्थियों के बीच जानकारी दी जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि फसल अवशेष न जलाने के विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला आदि कार्यक्रमों का आयोजन स्कूलों में किया जाए।
जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि वर्ष 2024-25 में अब तक कुल 60 फायर प्वाइंट प्राप्त हुए हैं, जिनकी जांच कृषि समन्वयकों द्वारा की गई है। साथ ही, डीबीटी पोर्टल पर 3 वर्षों के लिए 46 किसानों का पंजीकरण रद्द किया गया। बैठक में कृषि, पर्यावरण, जिला परिषद, तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने अपनी-अपनी योजनाओं व कार्यों की जानकारी दी और फसल अवशेषों को जलाने के स्थान पर उनके उपयोग हेतु जैविक खाद निर्माण, पुआल समतलीकरण तथा अन्य पर्यावरणीय तकनीकों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
जिलाधिकारी ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे आपसी समन्वय से एक प्रभावी कार्य योजना तैयार करें तथा किसानों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करें, ताकि फसल अवशेषों के उचित प्रबंधन से न केवल पर्यावरण की रक्षा हो सके, बल्कि कृषि भूमि की उर्वरकता भी बनी रहे। उन्होंने कहा कि जिले में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर यह एक सकारात्मक कदम है, जिससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि किसानों को तकनीकी सहयोग व नए उपायों के माध्यम से आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा। बैठक में अपर समाहर्त्ता चन्द्रशेखर आजाद, निदेशक डीआरडीए धीरज कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी नवीन कुमार पाण्डेय, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
भईया जी की रिपोर्ट