नवादा : उग्रवाद प्रभावित रजौली प्रखंड क्षेत्र के वन क्षेत्रों में झारखंड से आये 30 हाथियों का झुंड इस क्षेत्र को छोड़ने को तैयार नहीं है। कारण स्पष्ट है मौसम के बदलते मिजाज ने हाथियों के मन को भी बदल डाला है। वन विभाग हाथियों के झुंड को झारखंड की ओर भेजने में अबतक विफल साबित रहा है। पश्चिम बंगाल के बांकुरा से आयी टीम हाथियों को भगाने में लगातार पसीना बहाकर मेहनत कर रही है। हाथियों के झुंड ने कई ग्रामीणों के घरों एवं खेतों में लगी फसलों को बर्बाद किया है, किंतु करीब 10 दिनों से घूम रहे हाथियों से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
जदयू नेता दीपक कुमार मुन्ना, पूर्व प्रमुख जगदीश प्रसाद यादव, मुखिया संजय प्रसाद यादव, पैक्स अध्यक्ष रवीन्द्र उर्फ बबलू यादव का अनुमान है कि हाथियों का झुंड शांतिप्रिय है। ग्रामीणों के छेड़छाड़ के कारण थोड़ा-बहुत नुकसान पहुंचाया है। यह भी कहा जा रहा है कि झारखंड के जंगली क्षेत्र में पानी की कमी के कारण हाथियों का झुंड यहां से जाना नहीं चाहता। फिलहाल, हाथियों का झुंड दिबौर के जंगल से होते रतनपुर के रास्ते खड़कथंबी के जंगल में डेरा डाल रखा है। हाथियों के गांवों के आसपास भ्रमणशील रहने पर ग्रामीणों की नींद हराम है।
कहते हैं अधिकारी
इस बाबत डीएफओ श्रेष्ठ कुमार कृष्ण ने बताया कि गर्मी के मौसम के कारण हाथी जंगली क्षेत्र छोड़कर जाने को तैयार नहीं है। झारखंड के जंगली क्षेत्र में हाथियों समेत अन्य जंगली जीवों को समुचित मात्रा में पानी नहीं मिल पाता है। वैसे उनकी दिशा बदलने का प्रयास लगातार जारी है। हाथियों का झुंड बुधवार की रात्रि तक बाराचुआं क्षेत्र में भ्रमणशील था। हाथी बुधवार की सुबह से रतनपुर- गोपालपुर क्षेत्र में पानी वाले स्थान के इर्द-गिर्द घूम रहा है। बताया कि हाथियों की संख्या अधिक रहने के कारण उनकी दिशा परिवर्तन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।