नवादा : राज्य सरकार द्वारा भूमि विवाद में कमी लाने के अंचल अधिकारी व थानाध्यक्षों को संयुक्त रूप से प्रत्येक शनिवार थाना परिसर में अदालत लगाने का आदेश निर्गत कर रखा है। कागज पर आदेश का अनुपालन भी हो रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल कितने मामलों में भूमि विवाद का निपटारा हो रहा है? और तो और एसडीएम न्यायालय द्वारा जारी 163 का अनुपालन कराने के बजाय लाभ- शुभ का सौदा तय होते ही भवन निर्माण कराये जाने के कई उदाहरण मौजूद हैं।
ऐसे में भूमि विवाद में कमी आना तो दूर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। ताज़ा मामला जिले के उग्रवाद प्रभावित गोविंदपुर प्रखंड मुख्यालय बाजार डीह पर मुहल्ले का है। सौदी मांझी पिता स्व. अगनु मांझी के नाम खाता नम्बर 283 प्लौट नम्बर 620 रकबा 1.800 डी. भूमि बंदोबस्त की जमाबंदी कायम है। उक्त भूमि पर गांव के ही प्रदीप मांझी, सुरेश मांझी व विजय मांझी द्वारा जबरन कब्जा कर भवन निर्माण आरंभ किया गया है।
इस बावत कांता देवी पति कपील मांझी ने स्थानीय अधिकारियों से लेकर तमाम अधिकारियों को आवेदन देकर भवन निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की बावजूद निर्माण कार्य जारी है। आश्चर्य तो यह कि पुलिस कार्य पर रोक लगाने का दावा करती है लेकिन कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उक्त मामले में अंचल अधिकारी की चुप्पी या फिर अबैध कब्जाधारियों के साथ सांठगांठ से उनकी भूमिका संदेह के घेरे में है। ऐसे में भूमि पर कब्जा को ले दोनों पक्षों में खूनी संघर्ष हो जाय तो कोई आश्चर्य नहीं।
भईया जी की रिपोर्ट