नवादा का एसपी कौन?
-सूचना जनसम्पर्क विभाग क्यों कर रहा गलतबयानी?
-अब भ नवादा में डटे हैं कार्तिकेय के शर्मा
नवादा : जिले में एसपी कौन? पूछ रही है जनता? जब अम्बरीष राहुल ने अबतक योगदान ही नहीं दिया तो सूचना जन संपर्क विभाग गलतबयानी क्यों कर रहा? 13 जून की रात एसपी कार्तिकेय के. शर्मा का यहां से तबादला हो गया। 15 जून को सहयोगी पुलिस पदाधिकारियों ने उन्हें विदाई दे दी। लेकिन, जो सूचना है उसके मुताबकि कार्तिकेय के शर्मा अब भी नवादा में डटे हुए हैं। नए एसपी के आने का इंतजार नवादा पुलिस के अफसरों को है, लेकिन विलंब पर विलंब होता जा रहा है।
जबकि, 13 जून को ही नवादा डीएम के पद पर फिर से आशुतोष कुमार वर्मा का पदस्थापन हुआ और वे अगले ही दिन यानि 14 जून को नवादा पहुंच अपना काम-काज संभाल चुके हैं। अब एसपी नहीं आ रहे हैं तो इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। खासकर तब जबकि स्थानांतरण के बाद कार्तिकेय के शर्मा को विदाई भी दे गई थी।
कल ही यानि की 15 जून को कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर देखी गई जिसमें कार्तिकेय के शर्मा को उनके सहयोगी पुलिस अफसर विदाई की औपचारिकता पूरी करते दिख रहे थे।
अजीबोगरीब स्थिति बनी है। आलम ये कि जिला जनसंपर्क कार्यालय द्वारा शनिवार 15 जून को जारी विज्ञप्ति में अम्ब्रिश राहुल को पुलिस कप्तान बताया गया था। लेकिन, 16 की दोपहर तक स्थिति साफ नहीं हो पाई। अब सवाल उठ रहा है कि अम्ब्रिश राहुल नवादा क्यों नहीं पहुंच रहे हैं?
बता दें कि 31 दिसंबर 2022 को अम्ब्रिश राहुल का पदस्थापन नवादा एसपी के पद पर हुआ था। बताैर एसपी उनका यह पहला जिला था। लोकसभा चुनाव के दौरान भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नवादा के डीएम आशुतोष कुमार वर्मा और एसपीए अम्ब्रिश राहुल दोनों को एक साथ हटा दिया गया था। 2 अप्रैल काे यह कार्रवाई हुई थी। इसके बाद नवादा डीएम के पद पर प्रशांत कुमार सीएच और एसपी के पद पर कार्तिकेय के शर्मा की तैनाती भारत निर्वाचन आयोग द्वारा की गई थी।
4 जून को मतगणना की समाप्ति हुई । 6 जून को चुनावी प्रक्रिया की समाप्ति और आदर्श आचार संहिता हटाने की घोषणा भारत निर्वाचन आयाेग द्वारा किया गया था। एक सप्ताह बाद 13 जून की देर शाम बिहार सरकार के स्तर से 11 आईएएस और 4 आईपीएस अफसरों का तबादला पदस्थापन किया गया । तबादला पदस्थापन का एक पक्ष ये रहा कि चुनाव के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के स्तर से हटाए गए अफसरों को पुन: राज्य सरकार द्वारा पुराने पदस्थापन वाले स्थान पर भेज दिया ।
चुनाव के दौरान नवादा के साथ ही भोजपुर के डीएम राजकुमार और एसपी प्रमोद कुमार यादव हटाए गए थे। दोनों जिलों के डीएम-एसपी को फिर से उनके जिलों में भेज दिया गया। हालांकि, सारण के एसपी डा. गौरव मंगला अपवाद रहे। उन्हें पुन: सारण नहीं भेजा गया।
सरकार के ताबदला पदस्थापन आदेश के बाद दाेनों जिलों के डीएम ने अपने नव पदस्थापन वाले जिले में योगदान दे दिया। लेकिन, एसपी का योगदान नहीं हो सका है। इसके पीछे की वजह तलाशने पर यह पता चला कि पुलिस मुख्यालय से नवादा और भोजपुर के लिए अधिसूचित किए गए एसपी का मुवमेंट आर्डर ही नहीं निकला है। पुलिस मुख्यालय के स्तर से ही पेंच है।
चर्चा है कि पुलिस मुख्यालय को यह ताबदला रास नहीं आ रहा है। पुलिस महकमा के बड़े अफसर ऐसा नहीं चाहते हैं कि दोनों एसपी अपने पुराने जिले में वापस लौटें। पब्लिक के बीच मैसेज अच्छा नहीं जाएगा। जब किसी अफसर को चुनाव आयोग हटा दी तो फिर उसी को उसी पद पर उसी जिले में भेजने से कई तरह के सवाल खड़ा होंगे।
अब नवादा एसपी की ही बात करें तो उनका इस जिला में करीब डेढ़ साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। ज्यादा से ज्यादा डीएम-एसपी की तैनाती एक जिले में 2 साल से ज्यादा के लिए नहीं की जाती है। एक पेंच यह भी उलझा हुआ है कि जब दो जिलों के एसपी को उनके पुराने पदस्थापन वाले जिले में भेजा जा रहा है तो डा. गौरव मंगला को फिर से सारण क्यों नहीं?
बहरहाल, ताबदला-पदस्थापन के चार दिन हो गए हैं, सोमवार को बकरीद का अवकाश भी है। ऐसे में मुवमेंट ऑर्डर निकलता भी है तो मंगलवार 18 जून से पहले संभव नहीं हो पाएगा। वैसे, इसकी संभावना भी कम ही दिखती है। तो क्या, नवादा एसपी के पद पर कार्तिकेय के शर्मा बने रहेंगे? या फिर अम्ब्रिश राहुल आएंगे या कोई अन्य…., अगले दो दिनों में तस्वीर साफ होने की संभावना है।