नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित सीतामढ़ी थाना क्षेत्र के कोपिन गांव में देवी की एक प्राचीन पाषाण प्रतिमा मिली है। प्रतिमा को गांव के ही मंदिर में रखा गया है। आसपास के लोगों को जब जानकारी मिली तो दर्शन के लिए भीड़ लग गई। जिले के सीतामढ़ी थाना क्षेत्र के कोपिन गांव में चिमनी भट्ठा बनाने के लिए जेसीबी की मदद से खुदाई चल रही थी, इसी दौरान मजदूरों को वहां देवी की एक प्राचीनकालीन पाषाण प्रतिमा मिली। मूर्ति तीन फीट ऊंची है और उस पर बारीक नक्काशी की गई है। प्रतिमा मिलने की जानकारी जैसे ही आसपास के लोगों को हुई सैकड़ों की संख्या में लोग मौके पर पहुंच गए।
देखने के लिए उमड़ी भीड़
दरअसल, मंगलवार को जेसीबी मशीन से हो रही खुदाई के दौरान मजदूरों की नजर प्रतिमा पर पड़ी, तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गई। उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी अपने मालिक को दी। प्रतिमा मिलने की खबर जैसे ही गांव- समाज के लोगों को मिली तो मौके पर भीड़ जमा हो गई। सभी ने मूर्ति को देखा और इसे सुरक्षित स्थान पर ले जाने का फैसला किया।
महादेव मंदिर में रखी गई प्रतिमा
ग्रामीणों ने मूर्ति को कोपिन स्थित महादेव मंदिर में ले जाकर रखा है। प्रतिमा मिलने की जानकारी आस-पास के गांवों में फैल गई। जिसके बाद बुधवार की सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए कोपिन मंदिर पहुंच रहे हैं।
वर्षों पुरानी बताई जा रही है प्रतिमा
प्रतिमा सैकड़ों वर्ष पुरानी बतायी जा रही है। सीतामढ़ी मंदिर के पुजारी सीताराम पाठक ने बताया कि संभवत: सैकड़ों वर्ष पूर्व की प्रतिमा लगती है। मूर्ति के परीक्षण के लिए बाहर से विद्वानों को बुलाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया की सीतामढ़ी मंदिर से 1980-81 में लक्ष्मी जी की मूर्ति चोरी हुईं थी, लेकिन यह वह मूर्ति नहीं है। आसपास के लोगों का कहना है की कलियुग में भी भगवान किसी न किसी रूप में प्रकट हो ही जा रहे है, फिर भी अंधविश्वासी लोग भगवान को नहीं मानते हैं।
भईया जी की रिपोर्ट